डीएनए हिन्दी: उत्तर प्रदेश में गंगा-यमुना के उफान ने कहर मचा दिया है. वाराणसी का हाल भी बेहाल है. वरुणा और गंगा नदी के बाढ़ से करीब 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. सेंट्रल वाटर कमिशन की रिपोर्ट के मुताबिक, वाराणसी में मंगलवार की रात गंगा का जलस्तर 72.14 मीटर दर्ज किया गया. यह खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर है.
गंगा किनारे वाले करीब 10 हजार से ज्यादा दुकानदार, नाव वाले और घाटों पर बैठने वाले पंडे सब बेरोजगार हो गए हैं. अब वाराणसी में गंगा का कोई किनारा नहीं बचा जहां लोग सुकून से बैठा जाए. हर ओर पानी ही पानी है.
वाराणसी के सभी 84 घाट और वहां मौजूद हेरिटेज भवन सब कुछ अब गंगा में समा चुके हैं. अब गंगा अब कई जगहों पर घाटों को पार कर शहर में आ गई हैं. खतरे को बढ़ता देखकर श्रद्धालुओं को स्नान से रोका जा रहा है. सामने घाट मुहल्ले में लोगों के घरों तक गंगा जी पहुंच चुकी हैं.
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सामनेघाट से बढ़ते हुए गंगा जी महेशनगर कॉलोनी तक आ गई हैं. ट्रॉमा सेंटर से रामनगर जाने वाली सड़क पर भी बैरिकेडिंग कर दी गई है. गाड़ियों की आवाजाही पर बैन लगा दिया गया है.
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वाराणसी में गंगा, वरुणा और अस्सी नदी तक में उफान है. बाढ़ की वजह से कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है. बाढ़ प्रभावित स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है. अस्सी-नगवां मार्ग पूरी तरह से बंद है. सामनेघाट मारुतिनगर सड़क पर कमर से ऊपर पानी पहुंच चुका है.
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वाराणसी में गंगा का दिखा रौद्र रूप, हजारों मंदिर जलमग्न, 28 हजार लोग शिफ्ट किए गए