डीएनए हिन्दी: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश भर में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी है. इसका असर बिहार में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. अब इस मुद्दे पर बिहार में सत्ताधारी एनडीए के दल आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं. बीजेपी और जेडीयू के बीच इस मुद्दे पर सियासी लड़ाई देखने को मिल रही है. इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मोदी सरकार से अग्निपथ योजना पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अग्निपथ विरोध-प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए नीतीश कुमार सरकार को दोषी ठहराया है. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस पूरे योजना पर ही सवाल उठा दिया है.
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बिहार में प्रदर्शनकारियों ने बेतिया में संजय जायसवाल के घर और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर में तोड़फोड़ की है. प्रदर्शनकारियों ने बिहार में बीजेपी विधायक विनय बिहारी और अन्य बीजेपी नेताओं की गाड़ियों पर भी हमला किया.
जायसवाल ने कहा, 'जिन लोगों ने मेरे घर पर हमला किया, वे निश्चित रूप से सेना में नौकरी के इच्छुक नहीं थे. यह मेरे घर में तोड़फोड़ करने की एक सुनियोजित साजिश थी. यह कोई और लोग थे जिन्होंने बेतिया में नौकरी के इच्छुक लोगों के रूप में मेरे घर में तोड़फोड़ की.'
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जायसवाल ने कहा, 'जिस तरह से आंदोलनकारियों ने विभिन्न शहरों में बीजेपी नेताओं के घरों और पार्टी कार्यालयों पर हमला किया है, उसके लिए अलग-अलग जिलों के प्रशासन जिम्मेदार हैं. प्रशासन ने आंदोलनकारियों से निपटने के लिए कमजोर रुख अपनाया है.'
जायसवाल के बयान का जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने तुरंत विरोध किया. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश के युवाओं में भारी असंतोष है. देश में कई जगहों पर हिंसा हुई है. केंद्र को इसका संज्ञान लेना चाहिए और योजना पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए. यदि यह संभव नहीं है तो वह उन्हें ठीक से संवाद करें कि इससे भविष्य में उनके करियर पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, 'किसान आंदोलन के दौरान जिस तरह से भ्रम की स्थिति पैदा हुई और उन्हें केंद्र की योजनाओं का लाभ नहीं मिला, इसी तरह अब छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है. वे अग्निपथ और अग्निवीर योजना के लाभों को नहीं जानते हैं.'
इस बीच बिहार के कई रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शनकारियों ने हिंसा जारी रखी. उन्होंने पटना के दानापुर रेलवे स्टेशन पर फरक्का एक्सप्रेस के 3 डिब्बों में आग लगा दी. स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और मौके पर तैनात दानापुर के एएसपी ने हिंसक भीड़ से खुद को और अन्य पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए हवा में कुछ राउंड फायरिंग भी की.
दानापुर रेलवे स्टेशन पर हमले के बाद, पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा, 'हमने दानापुर रेलवे स्टेशन पर आगजनी के लिए 2 दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. हम आरोपियों की पहचान के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं.' वहीं, औरंगाबाद में प्रदर्शनकारियों ने एक बस डिपो में 4 बसों को आग के हवाले कर दिया.
मुजफ्फरपुर में हिंसक भीड़ ने शिहो रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी में आग लगा दी. हमले में दो लोग घायल भी हो गए.
मधेपुरा में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए और रेलवे संपत्तियों में तोड़फोड़ की.
सासाराम में आंदोलनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में तोड़फोड़ की और दिल्ली-कोलकाता NH19 पर स्थित एक टोल प्लाजा में भी आग लगा दी.
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बिहार में भीषण हिंसा के बीच 'अग्निपथ' को लेकर भिड़े बीजेपी और जेडीयू