डीएनए हिन्दी: भारत का एक ऐसा गांव हैं जहां सरकरी नौकरी मिलने पर जश्न मनाया जा रहा है. यह जानकर आपको आश्चर्य होगा, लेकिन सच है. आजादी के 7 दशक गुजर जाने के बाद बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले के एक गांव में पहली बार किसी को सरकारी नौकरी मिली है. इस गांव की करीब 3,000 आबादी है, लेकिन आज तक किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली थी.
जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब मुजफ्फरपुर जिले के कटरा ब्लॉक के शिवदासपुर पंचायत के सोहागपुर (Sohagpur) गांव में किसी को सरकारी नौकरी मिली है. गांव पर सरकारी नौकरी न मिलने के कलंक को राकेश कुमार ने धो दिया है. राकेश कुमार (Rakesh Kumar) सरकारी स्कूल में टीचर बन गए हैं. जब यह खबर गांव पहुंची तो लोग खुशी से झूम उठे.
इस गांव में अब तक किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली थी. गांव के रामलाल चौधरी के बेटे राकेश कुमार ने मेहनत कर इस मुकाम को हासिल किया है. रामलाल गांव में ही किराना की दुकान चलाते थे.
यह भी पढे़ं,लावारिस लाशों के असली 'वारिस' हैं ये 12 दोस्त, अब तक 650 शवों का अंतिम संस्कार
राकेश ने शुरुआती शिक्षा अपने गांव में ही हासिल की. बाद में उन्होंने दरभंगा यूनिवर्सिटी से एमकॉम की पढ़ाई की. बाद में राकेश ने राजस्थान से बीएड की परीक्षा पास की. पिछले दिनों राकेश कुमार ने बिहार में बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफलता हासिल कर यह मुकाम पाया है.
राकेश का कहना है कि 2016 में मेरे पिता का मृत्यु हो गई. उस वक्त चीजें और भी मुश्किल हो गईं. मेरे पिता चाहते थे कि मैं डॉक्टर या शिक्षक बनूं. अब मैंने अपने पिता का सपना पूरा कर दिया है. मैं बेहद खुश हूं. राकेश का मानना है कि यह नौकरी उनके लिए नए दरवाजे खोल देगी. वह अब सिविल सर्विसेज की तैयारी करने की योजना बना रहे हैं.
गांव वालों का कहना है कि आजादी के बाद यह पहला लड़का है जिसने सरकारी नौकरी हासिल की है. इसने अपने गांव का नाम रोशन किया है. गांव वालों का मानना है कि अब नए बच्चों को राकेश से प्ररेणा मिलेगी. गांव के अन्य बच्चे लगन के साथ पढ़ाई कर आगे बढ़ेंगे.
पंचायत की मुखिया ममता चौधरी ने बताया कि राकेश गांव भर के बच्चों के लिए उदाहरण बन गए हैं. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही राकेश को सम्मानित करेंगे. राकेश की पोस्टिंग जिले के ही तुर्की ब्लॉक के बरकुरवा प्राथमिक विद्यालय में हुई है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
75 सालों में बिहार में पहली बार इस गांव में मिली सरकारी नौकरी, जश्न का माहौल