डीएनए हिन्दी: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के कानून मंत्री (Bihar Law Minister) कार्तिक सिंह (Kartik Singh) को लेकर बिहार की सियासत गरम है. एक पुराने अपहरण केस में फरारी की बातें कही जा रही हैं. विपक्षी दल नीतीश सरकार पर हमलावर हैं. इन तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच कार्तिक सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने इस पूरे आरोप को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने अपने खिलाफ साजिश की बातें कही हैं.
कानून मंत्री कार्तिक सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस अपहरण कांड में मुझे भगोड़ा बताया जा रहा है उसका कोई आधार नहीं है. उन्होंने दावा किया कि अदालत से उन्हें व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने की छूट मिली हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोर्ट ने NO Coercive (दंडात्मक कार्रवाई से छूट) दे रखा है. उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियां न सिर्फ भ्रम फैला रही हैं बल्कि कोर्ट का भी अपमान कर रही हैं.
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उन्होंने दावा किया कि इस मामले की सुनवाई अपर सेशन जज, दानापुर में हो रही है. 12 अगस्त 2022 को जारी अदालत के आदेश में मोकामा थाना को कहा गया था कि कार्तिक सिंह उर्फ मास्टर साहेब को 1 सितंबर 2022 तक No Coercive प्रदान किया जाता है.
Delhi | If Kartikeya Singh (RJD) had a warrant against him, he should have surrendered. But he has taken oath as Law minister. I ask Nitish, is he trying to take Bihar back to Lalu's times? Kartikey Singh should be immediately dismissed: Sushil Kumar Modi, BJP MP pic.twitter.com/VcGnzYn96F
— ANI (@ANI) August 17, 2022
मंत्री कार्तिक सिंह का कहना है कि जब कोर्ट ने इस मामले में No Coercive दे रखा है तो फरारी का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के तहत ही वह 16 अगस्त को कोर्ट में पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा आगे कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसे माना जाएगा.
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उन्होंने विपक्ष के उस आरोप को भी खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने उस मामले में न तो जमानत ली है और न ही सरेंडर किया है. कार्तिक सिंह ने दावा किया कि मैंने पटना हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. 16 फरवरी 2017 को पटना हाई कोर्ट अर्जी खारिज करते हुए मुझे निचली अदालत में जाने को कहा था. जहां इस मामले की सुनवाई चल रही है.
Bihar| Reports of Kartikeya Singh (Bihar Law Min) absconding in a kidnapping case are baseless. He's not an accused in the matter; his involvement not mentioned in the probe... no evidence found against him; police proved him innocent: Kartikeya Singh's advocate Madhusudan Sharma https://t.co/ZAHizmFMTX pic.twitter.com/f5ucW3HudE
— ANI (@ANI) August 17, 2022
उन्होंने कहा, इसी के तहत कोर्ट ने मोकामा थाना को मुझे गिरफ्तार नहीं करने और किसी भी तरह के जबरदस्ती नहीं करने का निर्देश दिया है. ध्यान रहे कि इसी आदेश को कानूनी भाषा में No Coercive कहा जाता है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल बिना पूरी जानकारी के मेरे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं. कार्तिक सिंह ने कहा कि उन्हें पहले पूरी जानकारी लेनी चाहिए फिर मेरे खिलाफ बयान देना चाहिए.
विपक्ष द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि अपहरण के मामले में उन्हें 16 अगस्त को अदालत के सामने हाजिर होना था, लेकिन वे मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.
गौरतलब है कि राजनीति में आने के पहले कार्तिक सिंह पेशे से शिक्षक थे. अपने इलाके में वह कार्तिक मास्टर के नाम से जाने जाते हैं. अनंत सिंह के राजनीति में कदम रखने के बाद दोनों की दोस्ती काफी बढ़ गई है. दावा किया जाता है कि अनंत सिंह की सारी रणनीति कार्तिक मास्टर ही तय करते हैं. इसीलिए कार्तिक मास्टर अनंत सिंह के सबसे करीबी और विश्वासी माने जाते हैं. करीबियों को दावा है कि अनंत सिंह भी कार्तिक सिंह मास्टर साहेब कहकर बुलाते हैं. कार्तिक सिंह मूल रूप से मोकामा के रहने वाले हैं.
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