डीएनए हिंदी: असम में एक महीने से ज़्यादा समय से बाढ़ (Assam Floods) का कहर जारी है. बाढ़ से संबंधित घटनाओं के चलते 10 और लोगों की मौत के साथ मरने वाले लोगों की संख्या अब 118 तक पहुंच गई है. कछार जिले में सिलचर शहर लगातार पांच दिन से जलमग्न है. राज्य के 30 जिलों में 45.34 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. कई नदियां खतरे के निशाने से ऊपर बह रही हैं. राज्य में बाढ़ के चलते लोगों के घर छिन गए हैं और उन्हें खाने-पीने के लिए भी समस्याओं का सामना पड़ रहा है. राज्य और केंद्र की एजेंसियों के साथ-साथ सेना (Indian Army) के जवान भी राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं. फंसे हुए लोगों तक खाने-पीने की चीजें हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जा रही हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घटने लगा है लेकिन ब्रह्मपुत्र में धुबरी और नगांव में कोपिली खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. उन्होंने बताया कि 10 और लोगों की मौत होने के बाद मई के मध्य से बाढ़ और भूस्खलनों के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 118 पर पहुंच गई है. बरपेटा, धुबरी, करीमगंज और उदलगुड़ी जिलों में दो-दो लोगों और कछार और मोरीगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. असम की बराक घाटी का प्रवेश द्वार माने जाने वाले सिलचर के अधिकतर इलाके जलमग्न हैं.
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NDRF की आठ टीमें बुलाई गईं, सेना भी कर रही है मदद
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि उसने गंभीर रूप से प्रभावित जिलों और विशेष रूप से कछार जिले, जहां सिलचर स्थित है, में अतिरिक्त संसाधनों के साथ बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई गई है. अधिकारियों के मुताबिक राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठ टीमों को ईटानगर और भुवनेश्वर से लाया गया है, जिनमें कुल 207 कर्मी हैं. इसके अलावा 120 सदस्यों वाली सेना की एक टीम दीमापुर से नौ नौकाओं के साथ सिलचर में बचाव अभियान के लिए भेजी गई है.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो टीम विमान के जरिए कछार के लिए भेजी गई हैं. अधिकारियों के अनुसार, लगभग तीन लाख लोगों को भोजन, स्वच्छ पेयजल और दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लगभग पूरा सिलचर शहर बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में भोजन के पैकेट, पानी की बोतल और अन्य जरूरी वस्तुएं वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गिराई जा रही हैं.
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सैकड़ों सड़कें टूटीं, बह गए दर्जनों पुल
घाटी के तीन जिले - कछार, हैलाकांडी और करीमगंज - बराक और कुशियारा नदी के बढ़ते जलस्तर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण सबसे अधिक प्रभावित जिला बरपेटा है जहां 10,32,561 लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा है. इसके बाद कामरूप जिले में 4,29,166 लोग प्रभावित हुए हैं. लगातार भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने 103 राजस्व मंडलों और 4,536 गांवों को प्रभावित किया है. राज्य भर में कुल 2,84,875 लोगों ने 759 राहत शिविरों में शरण ले रखी है. बाढ़ ने 173 सड़कों और 20 पुलों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया जबकि बक्सा और दरांग जिलों में दो-दो तटबंध टूट गये हैं.
इस बीच, उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके बेटे अनंत ने असम में बाढ़ से जूझ रहे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में 25 करोड़ रुपये दान दिए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का आभार व्यक्त किया है. तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा समेत कई प्रतिष्ठित लोगों ने राहत कोष में दान दिया है. टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने 11 लाख रुपये जबकि मशहूर गायक सोनू निगम ने 15 लाख रुपये दान दिए हैं. बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर और फिल्म निर्माता रोहित शेट्टी ने सीएमआरएफ में पांच-पांच लाख रुपये दान दिए हैं.
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Assam Floods: लाखों लोग कैंप में रहने को मजबूर, अब तक 118 की मौत, 30 जिलों में तबाही मचा रही बाढ़