डीएनए हिंदीः अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस सुप्रीम कोर्ट द्वारा हल होने के बाद ही कुछ साधु-संतों ने काशी-मथुरा का नारा छेड़ दिया था. उनका कहने के ये अर्थ तक निकाले जा रहे थे कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर से सटकर बनी ज्ञानवापी मस्जिद की जमीन के मुद्दे पर भी कानूनी दावा ठोका जा सकता है.
ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इन दोनों का मुद्दा अभी विभिन्न अदालतों में जारी है किन्तु भाजपा ने स्वयं को इस मुद्दे से खुद अलग रखा था. वहीं उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अब इस मुद्दे को नई हवा दे दी है. उनका एक ट्वीट उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व की सियासत को ज्वलंत कर चुका है.
केशव प्रसाद का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस वक्त अयोध्या में चल रहे भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठा रहे हैं. ऐसे वक्त में उनके डिप्टी का बयान हिन्दुत्व के मुद्दे को हवा देने वाला प्रतीत होता है. उन्होंने ट्वीट किया, “अयोध्या और काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है और मथुरा की तैयारी है.” स्पष्ट है कि केशव प्रसाद मौर्य मथुरा की शाही मस्जिद का सांकेतिक उल्लेख कर रहे हैं.
बयान पर कायम मौर्य
ऐसा नहीं है कि योगी के डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य ने अपने बयान के बाद उसमें कुछ संशोधन किया है. अपितु वो अपने पुराने बयान को जस्टिफाई भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “मथुरा की तैयारी राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि आस्था का विषय है. मंदिर निर्माण की तैयारी है ही. काशी विश्वनाथ के भव्य कॉरिडोर को सभी देखेंगे. ध्रुवीकरण के आरोप गलत हैं.”
चुनाव में ध्रुवीकरण
गौरतलब है कि केशव प्रसाद मौर्य का काशी मथुरा को लेकर दिया गया बयान ध्रुवीकरण का कारण बन सकता है. उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव हैं. ऐसै में चुनाव के ठीक पहले इस तरह का बयान दर्शाता है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में विकास के अलावा हिंदुत्व को भी एक कोर चुनावी एजेंडा बना सकती है.
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