डीएनए हिंदी: पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर हमेशा ही चर्चा होती रहती है लेकिन जो लोग पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से 1970 में आए थे उनके लिए भारत में ही अनेकों मुश्किल रही हैं. वहीं बंगाली हिंदू परिवारों का 52 वर्षों से चला आ रहा यह संघर्ष उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने खत्म कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को लखनऊ स्थित लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में इन परिवारों को घर और खेती के लिए जमीजन के पट्टे दिए जो कि एक बड़ी सौगात मानी जा रही है.
कानपुर देहात में दी गई जमीन
जानकारी के मुताबिक योगी सरकार ने बांग्लादेश से विस्थापित इन हिंदू परिवारों को पट्टे कानपुर देहात के रसूलाबाद क्षेत्र में इन्हें पट्टे दिए गए हैं. खेती के लिए हर परिवार को दो एकड़ और आवास के लिए 200 मीटर जमीन दी गई है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 1.20 लाख रुपए मकान बनाने के लिए दिए गए हैं. हर घर को एक-एक शौचालय भी बनाकर दिया जाएगा. सीएम योगी के इस फैसले से 400 बांग्लादेशी विस्थापितों को लाभ होने वाला है.
योगी सरकार ने दिए अधिकार
इस मामले में एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक ये शरणार्थी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बस गए थे. प्रवक्ता ने कहा, "जो लोग रुके हुए थे, उन्हें अब योगी सरकार ने नए सिरे से अधिकार दिया है." दो साल पहले, योगी सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से निष्कासित और उत्तर प्रदेश में रहने वालों का प्राथमिक डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया था. 2020 तक पीलीभीत जिले में 37,000 से अधिक बांग्लादेशी और पाकिस्तानी शरणार्थियों की पहचान की गई थी. नागरिकता अधिनियम के तहत उन्हें भारतीय नागरिकता देने के लिए डेटा एकत्र किया जा रहा था.
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सीएम योगी ने कही यह बात
वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्षों से किसी सरकार ने बांग्लादेश से विस्थापित इन हिंदू परिवारों का दर्द नहीं समझा. पुनर्वास के बाद इन परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. इसके साथ ही योगी ने इन परिवारों के साथ हुए भेदभाव के लिए पुरानी सरकार को घेरा है.
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