डीएनए हिंदी : 8 मार्च को महिला दिवस पर नारी शक्ति के विषय में लिखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा था, मैं नारी शक्ति का सम्मान करता हूं. प्रधानमंत्री बार-बार स्त्रियों की भिन्न क्षेत्रों में मुखरता की बात करते रहे हैं. उनके कैबिनेट में कई कद्दावर मंत्रालय स्त्रियों के पास हैं. वर्तमान सरकार की मौलिक संकल्पना 'डिजिटल इंडिया'(Digital India) जबर्दस्त डिजिटल क्रांति लेकर आई है. इस डिजिटल क्रान्ति ने देश की आम महिलाओं को कई तरह से सशक्त किया है.
तमाम चीज़ों की तरह इस डिजिटल क्रांति के भी कुछ अपने लूपहोल्स हैं. पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन ट्रोलिंग की घटनाएं ताबड़तोड़ बढ़ी हैं. इसका सबसे अधिक शिकार महिलाएं हो रही हैं. ट्रोलों का समूह महिलाओं पर छूटता है और उन्हें गाली देने में मशगूल हो जाता है. गौरतलब है कि इस वक़्त जब सोशल मीडिया अपरिहार्य है, गाली और मानसिक उत्पीड़न से भरे कमेंट स्त्रियों के लिए बेहद समस्याप्रद और असुरक्षित माहौल पैदा करता है. साथ-साथ यह अभिव्यक्ति के अधिकार पर भी आघात करता है.
ट्रोलिंग बन चुका है फैशन
पिछले कुछ सालों में कई घटनाएं हुई हैं जिनमें स्त्रियों के मुखर स्वर को दबाने की कोशिश की गई है. जब भी औरतों ने खुलकर बोलने की कोशिश की या ऐसा कुछ भी लिखा जो आम अवधारणा के विपरीत रहा है, उन्हें भीषण ट्रोलिंग झेलनी पड़ी. इन ट्रोलों ने सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक को नहीं बख्शा. कई बार स्वरा भास्कर सहित मीडिया की कई मुखर महिलाओं को भी गालियों का सामना करना पड़ा है.
सेक्सुअलिटी पर बात करने वाली महिला को मिली एसिड अटैक की धमकी
पिछले दिनों सेक्सुअलिटी(Female Sexuality) पर अपनी बात रखने वाली एक महिला को उसकी बातों से अहसमत लोगों ने तरह-तरह से गालियां दी. महिला ने फीमेल ओर्गाज़्म पर किसी सर्वे का हवाला देते हुए अपनी बात रखी थी. महिला की बातों से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखने वाले लोगों ने महिला को कई तरह की गालियां दी. हद तब हो गई जब ग़ाज़ीपुर के रहने वाले एक व्यक्ति ने उक्त स्त्री की सफाई तेज़ाब से करने की बात की.
यह मसला सोशल मीडिया पर आग की तरह उछला है. महिला द्वारा एसिड अटैक(Acid Attack) की बात करने वाले व्यक्ति पर पुलिसिया कार्यवाही का अनुरोध किया गया है. हालांकि ट्रोल्स का एक तबका तेज़ाब से सफाई वाली बात का बचाव करता हुआ भी नज़र आया.
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