डीएनए हिंदीः बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने वाला विधेयक आज मोदी सरकार लोकसभा में पेश कर सकती है. सरकार ने बिल का मसौदा तैयार कर लिया है. इसके लिए सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी. पीएम मोदी ने 2020 में लालकिले से अपने संबोधन में इसका उल्लेख भी किया था. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बाल विवाह (रोकथाम) अधिनियम 2006 में संशोधन को मंजूरी दी थी.
लड़कियों की शादी की उम्र बढाने से जुड़े बिल का नाम 'बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021' (The ‘Prohibition of Child Marriage (Amendment) Bill, 2021) होगा. इसके ज़रिए बाल विवाह अधिनियम, 2006 (Child Marriage Act, 2006) में बदलाव किया जाएगा. इस बिल के जरिए भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 (Indian Christian Marriage Act, 1872), पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937, विशेष विवाह अधिनियम, 1954, हिंदू विवाह अधिनियम, 1955, विदेशी विवाह अधिनियम, 1969 में भी बदलाव किए जाएंगे.
सभी धर्मों पर लागू होगा फैसला
संसद से अगर यह कानून पास हो जाता है तो यह अहम बदलाव होगा. यह कानून सभी धर्मों पर लागू होगा. फैसले के पीछे सोच ये है कि अगर सरकार ने शादी की न्यूनतम उम्र को बढ़ाया तो इससे कई बदलाव आएंगे जो परिवार लड़की की 18 साल उम्र होते ही उसकी शादी के बारे में सोचने लगते हैं, वो ऐसा नहीं करेंगे. लोगों की सोच के साथ ही महिलाओं की सेहत भी बेहतर होगी.
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