डीएनए हिंदी: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 6 विधायकों को सलाहकार नियुक्त किया है. ये विधायक भले ही मंत्री बनने से चूक गए लेकिन सीएम ने उन्हें अपने करीब बैठाकर सियासी गलियारों में चर्चा छेड़ दी है. हालांकि विधायकों के समर्थक उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे रहे हैं.

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज वरिष्ठ विधायकों में डॉ. जितेंद्र सिंह, राजकुमार शर्मा, दयाराम परमार, दानिश अबरार, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और रामकेश मीणा का नाम शामिल है.

राज्यपाल ने पूछा सवाल
भले ही विधायकों की महत्वाकांक्षा पूरी हो गई हो लेकिन राजस्थान के राज्यपाल इन नियुक्तियों से संतुष्ट दिखाई नहीं दे रहे. कलराज मिश्र ने मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त छह विधायकों की संवैधानिक स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा है. विपक्ष में बैठी भाजपा को भी मौका मिल गया है. बीजेपी ने इसे संविधान के विरुद्ध बताया है.

इन नियुक्तियों पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया. उन्होंने राज्यपाल से नियुक्तियों को रद्द करने के लिए कहा है. उन्होंने मामले को कोर्ट में ले जाने की चेतावनी भी दी है.

पिछले साल जुलाई-अगस्त में राजनीतिक संकट से गुजरने वाली कांग्रेस सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों के बीच असंतोष से बचने के लिए गहलोत ने ये नियुक्तियां की हैं.

विवादित बयानों से सुर्खियों में सलाहकार
हाल ही गहलोत सरकार के सलाहकार और नव नियुक्त मंत्री विवादित बयानों से सुर्खियों में रहे हैं. हाल ही राजकुमार शर्मा ने अभिनेत्री कंगना रनौत को नाचने वाली कहकर विवाद छेड़ दिया था. वहीं कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने इंजीनियर से कहा था— सड़क कैटरीना कैफ के गालों जैसी बननी चाहिए. अपने बयानों से ये विधायक सीएम गहलोत की आंख की किरकिरी बन गए हैं. अब देखना होगा कि ये विधायकों की सलाह पर मुख्यमंत्री का अगला कदम क्या होगा?

 

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Will these advisors of Gehlot become an eye-catcher?
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गहलोत के एडवाइजर्स पर सियासत शुरू, राज्यपाल ने मांगा जवाब
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