डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि एक महिला द्वारा अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना मानसिक क्रूरता है. यह उसके लिए हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक लेने का वैध आधार है. कोर्ट का यह आदेश सुदीप्तो साहा और मौमिता साहा के बीच एक मामले में 3 जनवरी को पारित किया गया था.

जस्टिस शील नागू और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने 2014 में भोपाल फैमली कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया, जिसने याचिकाकर्ता को तलाक देने से इनकार कर दिया था.

हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया, 'शादी के बाद शारीरिक अंतरंगता से इनकार करना मानसिक क्रूरता के बराबर है.' कोर्ट ने कहा है कि महिला के पक्ष से कोई भी अदालत में पेश नहीं हुआ या कोई जवाब दाखिल नहीं किया, इसलिए सुदीप्तो के मानसिक क्रूरता के आरोप का खंडन नहीं किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- 4 मठ, 4 शंकराचार्य, 'सबके राम' फिर रामलला के 'विराजने' पर ऐतराज क्यों?

शारीरिक संबंध नहीं बनाती थी पत्नी
पति ने याचिका दायर कर अपनी पत्नी से तलाक की मांग की थी. उसकी शादी 12 जुलाई, 2006 को हुई थी. दोनों के बीच शारीरिक संबंध नहीं बने थे.  पति ने कोर्ट से कहा है कि उसकी पत्नी ने उससे कहा है कि शादी मजबूरी में हुई थी. उसके माता-पिता ने उसकी शादी करा दी थी और इसलिए वह उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बना रही थी. पत्नी का पहले से ही एक प्रेमी था. 

प्रेमी के पास लौटना चाहती थी पत्नी
याचिका के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में अपनी शादी के बाद, पत्नी ने अपने पति से कहा कि वह उसे उसके प्रेमी के हवाले कर दे. भोपाल में अपने घर पहुंचने के बाद भी उसने उनकी शादी से इनकार कर दिया. पति ने बताया कि पत्नी ने सितंबर 2006 में भोपाल में अपना वैवाहिक घर छोड़ दिया और फिर कभी वापस नहीं लौटीं.

पत्नी ने पति के खिलाफ दर्ज कराया था उत्पीड़न का केस
याचिका में पति ने कहा है कि उसकी पत्नी ने 2013 में उसके परिवार के खिलाफ दहेज की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि इसके लिए ससुराल पक्ष और पति ने परेशान किया और प्रताड़ित किया. पत्नी ने आरोप लगाया था कि सुदीप्तो और उसके परिवार ने साड़ी से उसका गला घोंटने की कोशिश की और आग लगाकर मार डालने की कोशिश की. याचिकाकर्ता के मां-बाप को पुलिस ने 23 दिनों के हिरासत में रखा था.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर उद्घाटन से पहले 'महंगी' हुई अयोध्या, फुल हुए होटल, नहीं मिल रही फ्लाइट, जानें कितना करना पड़ रहा खर्च

भोपाल हाई कोर्ट ने मंजूर किया तलाक
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि समझौते के तौर पर उसे 10,00,000 रुपये प्राप्त देने पड़े. भोपाल के एक पुलिस स्टेशन में एक और रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद तलाक की कोर्ट में अर्जी दी. इसके बाद पति ने तलाक के लिए भोपाल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए उनके अनुरोध को खारिज कर दिया कि तलाक के लिए कोई आधार नहीं है. इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश हईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब कोर्ट ने तलाक के फैसले पर मुहर लगा दी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Wife refusing sex with husband amounts to cruelty valid ground for divorce MP Court
Short Title
'सेक्स के लिए इनकार करना क्रूरता, पति तलाक का हकदार,' पढ़ें कोर्ट ने क्यों कहा
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
सांकेतिक तस्वीर.
Caption

सांकेतिक तस्वीर. 

Date updated
Date published
Home Title

'सेक्स के लिए इनकार करना क्रूरता, पति तलाक का हकदार,' पढ़ें कोर्ट ने क्यों कहा
 

Word Count
550
Author Type
Author