डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत (TEH) जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर बैन लगा दिया है. तहरीक-ए-हुर्रियत पर आरोप है कि यह संगठन घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, वहीं भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल है. आरोप यह भी लगाए गए हैं कि संगठन ने घाटी में इस्लामिक कानून थोपने की साजिश रची है. केंद्र सरकार ने रविवार को यह ऐलान किया है.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि तहरीक-ए-हुर्रियत पर कहा है कि इस सगंठन ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दिया है, आतंकी गतिविधियां जारी रखीं हैं, वहीं भारत के खिलाफ दुष्प्रचार किया है. उन्होंने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हर व्यक्ति या संगठन की हर साजिश को विफल कर दिया जएगा. नरेंद्र मोदी सरकार की यही नीति है. 

क्यों बैन किया गया है यह संगठन
अमित शाह ने X पर लिखा, 'तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर  को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है. यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है.'

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इस्लामिक शासन स्थापित करने की कोशिश
तहरीक-ए-हुर्रियत पर आरोप है कि यह संगठन इस्लामिक शासन स्थापित करने की कोशिश कर रहा था. भारत में सरकार संविधान के हिसाब से चलती है, धर्म के हिसाब से नहीं. ऐसी साजिश राष्ट्र विरोधी मानी जाती है. यही वजह है कि केंद्र ने इस संगठन को बैन करने का फैसला लिया.

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कौन है तहरीक-ए-हुर्रियत का बॉस?
पाकिस्तान समर्थक इस समूह का नेतृत्व पहले दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के हाथों में था. इसके बाद इसका नेतृत्व मसर्रत आलम भट के पास आ गया. आलम भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में एजेंडा चलाने के लिए जाना जाता है. आलम भट फिलहाल जेल में है और उसकी पार्टी मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर को 27 दिसंबर को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था. (इनपुट: भाषा)

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Why Tehreek e Hurriyat declared unlawful association under UAPA Home Ministry Amit Shah
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'तहरीक-ए-हुर्रियत' पर सरकार ने क्यों लगाया है बैन, इस्लामिक शासन से क्या है कनेक
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गृहमंत्री अमित शाह. (तस्वीर-PTI)
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गृहमंत्री अमित शाह. (तस्वीर-PTI)

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तहरीक-ए-हुर्रियत पर क्यों लगा बैन, इस्लामिक शासन से क्या है कनेक्शन?
 

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