Bihar News: बिहार विधान परिषद की आचार समिति की अनुशंसा पर शुक्रवार को RJD के MLC डॉ. सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द कर दी गई है. विधान परिषद में आचार समिति की अनुशंसा पारित होने के साथ ही सुनील कुमार सिंह विधान परिषद सदस्य नहीं रहे. पूर्व मुख्यमंत्री व RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी नेताओं में से एक सुनील कुमार सिंह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप था, जिसे विधान परिषद के मौजूदा उपसभापति व JDU के सीनियर लीडर डॉ. रामवचन राय की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने सही पाया है. आचार समिति का प्रतिवेदन गुरुवार को विधान परिषद में पेश किया गया था, जिसे शुक्रवार को पारित कर दिया गया. RJD के एक अन्य MLC कारी सोहैब को भी सदन के अगले सत्र के पहले दो दिन के लिए निलंबित रहने की सजा दी गई है. 

पहले जान लीजिए कौन है सुनील सिंह

सुनील सिंह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता हैं और साल 2020 से बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. सुनील सिंह को लालू प्रसाद यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपना मुंहबोला भाई मानकर राखी बांधती हैं. बिहार की राजनीति में भले ही पिछले 18 साल से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार है, लेकिन सुनील सिंह का जलवा इससे समझा जा सकता है कि वे साल 2003 से बिहार स्टेट मार्केटिंग यूनियन लिमिटेड (Biscoman) के चेयरमैन के पद पर टिके हुए हैं. 51 साल के सुनील सिंह के पास करीब 35 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि उनके खिलाफ सात आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. रसायन शास्त्र में पीएचडी सुनील सिंह का पैतृक गांव डुमरी है. उनके परिवार में पत्नी वंदना सिंह और दो बेटे तेजस्वी व यशस्वी हैं. उनके परिवार की चल-अचल संपत्ति नालंदा से लेकर पटना तक फैली हुई है. लालू के करीबी होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय जनता दल के तमाम अधिवेशनों और कार्यक्रमों के संयोजन की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंपी जाती है.

लालू से जुड़े घोटाले में CBI ने मारा था सुनील के ठिकानों पर छापा

साल 2022 में लालू प्रसाद यादव के जमीन के बदले नौकरी देने के घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सुनील सिंह के ठिकानों पर भी छापा मारा था. यह छापेमारी लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सबूत तलाशने के लिए की गई थी. इसके बाद से सुनील सिंह और ज्यादा चर्चा में रहे हैं.

इस मामले में हुए हैं विधान परिषद से बर्खास्त

सुनील सिंह और कारी सोहैब पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अमर्यादित कमेंट करने का आरोप है. आरोप है कि दोनों ने सदन का नेता होने के बावजूद मुख्यमंत्री पर असभ्य कमेंट किए और उनकी मिमिक्री भी उतारी थी. सुनील सिंह ने नीतीश को लेकर कहा था कि वे 18 साल से बिना चुनाव लड़े ही मुख्यमंत्री बने हुए हैं. इस मामले में आचार समिति ने चार बार सुनील सिंह को पेश होने का आदेश दिया था. चौथी बार पेश हुए सुनील सिंह ने उल्टे समिति के अधिकार पर ही सवाल उठा दिया था. मुख्यमंत्री की मिमिक्री करने के मामले में आचार समिति ने उनके खिलाफ विधान परिषद अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह को रिपोर्ट सौंपी थी, जिन्होंने उसे सदन में रखकर पारित करा दिया है.

'साजिशन छीनी है मेरी मेंबरशिप'

सुनील सिंह ने अपनी बर्खास्तगी के बाद कहा कि मेरी मेंबरशिप साजिशन छीनी गई है. ये लोग सदन में गरीब, अल्पसंख्यक और बेरोजगार की बात उठाने पर डरते हैं. अब आगे हमारे नेता तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव फैसला लेंगे कि क्या करना है. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
who is sunil singh rjd mlc terminated from bihar vidhan parishad membership nitish kumar read Bihar News
Short Title
Bihar News: कौन हैं सुनील सिंह, क्यों छीन ली गई है उनकी बिहार विधानपरिषद की सदस्
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Sunil Singh and Lalu Prasad Yadav
Date updated
Date published
Home Title

कौन हैं सुनील सिंह, क्यों छीनी गई है उनकी बिहार विधानपरिषद सदस्यता

Word Count
614
Author Type
Author