भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) से एक बार फिर अजय कुमार मिश्रा टेनी (Ajay Kumar Mishra Teni) पर भरोसा जताया है. टेनी सबसे विवादित चेहरों में शामिल रहे हैं. उनका बेटा आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा का मुख्य आरोपी है.

अजय मिश्र टेनी को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और दूसरे विपक्षी दल यह मानते हैं कि वे लखीमपुर हिंसा के मुख्य विलेन हैं. बीजेपी ने विवादित होने के बाद भी उन्हें टिकट देने से परहेज नहीं किया. पहली ही लिस्ट में उनका नाम सामने आ गया.

हैरान कर देने वाली बात यह है कि बीजेपी ने पहली सूची में जिन 195 उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक किए हैं, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं.


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कौन हैं अजय मिश्रा टेनी?
अजय मिश्रा टेनी, आशीष मिश्रा टेनी के पिता हैं. वह लखीमपुर में कई किसानों पर थार चढ़ाने के आरोपी हैं. लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन 2021 के दौरान उनकी गाड़ी किसानों पर चढ़ गई थी. किसानों की मौत पर आशीष मिश्रा बुरी तरह से घिरे थे. 

बीजेपी ने इस मुद्दे को देशभर में उठाया था. किसान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे का विरोध कर रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार SUV उन्हें कुचलती हुई आगे बढ़ गई. भीड़ ने कार सवारों पर हमला कर दिया और 2 लोगों को मार डाला. 

आशीष मिश्रा टेनी का नाम इस कांड में सामने आया. किसान नेता और विपक्ष अजय मिश्रा के इस्तीफे की एक अरसे से मांग कर रहे हैं लेकिन बीजेपी ने इसी सीट पर दोबारा उन्हें टिकट दे दिया. 

विपक्ष के आरोप हैं कि वे जांच प्रभावित कर रहे हैं. मोदी कैबिनेट से उन्हें इस्तीफा देना चाहिए लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जब टेनी 2022 के विधानसभा चुनावों में वोट डालने गया था, तभी बड़ी संख्या में उन्हें पुलिस सिक्योरिटी जुटानी पड़ी क्योंकि भीड़ नाराज थी. 

 


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पंजाब-हरियाणा की सीमाओं पर किसान बैठे हुए हैं, वे अपनी मांगों को लेकर डटे हैं लेकिन इसी बीच अजय मिश्र टेनी को फिर से टिकट मिल गया है. 

कैसा रहा है अजय मिश्रा का राजनीतिक जीवन?
अजय मिश्रा टेनी पहली बार साल 2012 में निघासन विधायक चुने गए.  2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार वे सांसद बने.

सितंबर 2014 में, उन्हें ग्रामीण विकास पर स्थायी समिति के सदस्य और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था, 

2014 से 2018 तक, वह आधिकारिक भाषा पर संसद की समिति के सदस्य थे. 2018 से 2019 तक, वह आधिकारिक भाषा पर संसद की पहली उप-समिति के सदस्य, संयोजक बने.

मई, 2019 में, वे दोबारा सांसद चुने गए. 24 जुलाई 2019 को, वह लोक लेखा समिति के सदस्य बने. 13 सितंबर 2019 को, वह खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण पर स्थायी समिति के सदस्य बने.

9 अक्टूबर 2019 को वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य बने. 7 जुलाई 2021 को वह गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बने.

कहां है आशीष मिश्रा टेनी?
आशीष मिश्रा के साथ 12 अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच चल रही है. उन पर हत्या और आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप हैं. उसे 9 अक्टूबर 2021 को हादसे के 6 दिन बाद गिरफ्तार किया गया था. 

आशीष मिश्रा के कांड के बाद लोग मांग करते रहे कि अजय टेनी को इस्तीफा देना चाहिए लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. आशीष को सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल 8 सप्ताह की जमानत दी थी, 2023 में उसे बीमार मां की तीमारदारी के लिए जमानत मिली. 

उनके टिकट मिलने पर विपक्ष ने क्या कहा?
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने किसान के हत्यारे को टिकट दे दिया. बीजेपी ने नीतियों के खिलाफ जाकर काम किया है. अजय मिश्रा टेनी को पार्टी ने टिकट दे दिया.'

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Who Is Ajay Mishra Teni Why BJP fileds him from Lakhimpur Kheri How He Is Linked To Farmers Protest
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कौन हैं Ajay Kumar Mishra Teni जिन्हें विवादित होने के बाद भी BJP ने दिया टिकट
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Ajay Kumar Mishra Teni पर BJP ने फिर जताया भरोसा.
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Ajay Kumar Mishra Teni पर BJP ने फिर जताया भरोसा.

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कौन हैं अजय मिश्रा टेनी जिन्हें किसानों के गुस्से के बाद भी BJP ने दिया टिकट

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