डीएनए हिंदीः बुधवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हिंदू वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने एक मिनार नुमा स्मारक पर तिरंगा फरहाने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया. इस इमारत का नाम 'जिन्ना टावर' है.

जिन्ना टावर पर लंबे समय से सियासत जारी है. हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ताओं के अलावा भी कई और संगठन लंबे समय से इस टावर का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. बुधवार को जब हिंदू वाहिनी कार्यकर्ताओं ने इस टावर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

कब और क्यों बना था जिन्ना टावर

जिन्ना टावर (Jinnah Tower) आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में 20 वीं शताब्दी बना एक ऐतिहासिक स्मारक है. टावर का नाम मुहम्मद अली जिन्ना के नाम पर रखा गया है, जो गुंटूर में महात्मा गांधी रोड पर बना हुआ है. इस टावर के निर्माण को लेकर दो अलग-अलग कहानियां हैं.

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कुछ लोग मानते हैं कि मोहम्मद अली जिन्ना के प्रतिनिधि जुदलियागुआत अली खान ने आजादी से पहले यहां का दौरा करने के बाद मुस्लिम लीग नेता के सम्मान के लिए यह टावर 1945 में बनवाया था. वहीं कुछ लोग महात्मा गांधी रोड पर जिन्ना टावर बनवाने के पीछे का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान (India & Pakistan) के संबधों में सद्भाव के प्रतीक के रूप में बताते हैं.

टावर का नाम APJ अब्दुल कलाम पर रखने की मांग

कुछ समय पहले भाजपा के राष्ट्रीय सचिव वाई सत्य कुमार, तेलंगाना से भाजपा विधायक राजा सिंह और आंध्र प्रदेश भाजपा राज्य इकाई के प्रमुख सोमू वीराराजू ने भी जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि इस टावर का नाम बदलकर देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा जाए.

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When & Why was Jinnah Tower Constructed n Guntur Andhra Pradesh
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Jinnah Tower: आंध्र के गुंटूर में क्यों बनाया गया जिन्ना टावर
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