Waqf Bill Row: 'मिल्लत-ए-इस्लामिया को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को बताए कि आप हमारे वोटों की ताकत से सत्ता की कुर्सी तक पहुंचे हैं. मुश्किल वक्त (वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ) में अब यदि आप हमारे साथ नहीं आएंगे तो हम खुद तो नहीं जाएंगे, लेकिन आपको साथ लेकर जाएंगे, हमें हल्का-फुल्का मत समझना.' बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandra Babu Naidu) को यह धमकी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) की तरफ से दी गई है. बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने मोदी सरकार के वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ दोनों मुख्यमंत्रियों को मुसलमानों की मदद नहीं करने के परिणामों को लेकर आगाह किया है. वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने यह धमकी दोनों मुख्यमंत्रियों को दी.
'हुकूमत को पैगाम दें आप'
मौलाना रहमानी ने कहा,' आप (नीतीश और नायडू) हुकूमत को पैगाम दें. साथ ही सरकार के सहयोगी दलों को भी वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के खिलाफ उनका किरदार समझाएं. उन्हें बताएं कि उनकी रोल क्या होना चाहिए? नीतीश और चंद्रबाबू नायडू को बताना होगा कि हमारे वोट की ताकत से ही वे सत्ता तक पहुंचे हैं. हमें हल्का-फुल्का समझने की भूल ना करें.'
'लाहौर नहीं लखनऊ तक होता आज पाकिस्तान'
पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने भी चेतावनी देते हुए कहा,'मुसलमानों ने मोहम्मद अली जिन्ना का साथ नहीं दिया, नहीं तो पाकिस्तान का नक्शा कुछ और होता. मुसलमान उस वक्त पूरी तरह जिन्ना के साथ गए होते तो पाकिस्तान लाहौर नहीं लखनऊ तक होता. हमने पाकिस्तान को छोटा कर दिया और इसके लिए हुकूमत को हमारा अहसान मानना चाहिए. लोगों ने पाकिस्तान जाकर अपनी जिंदगी बना ली, लेकिन इल्जाम हमें मिला. हमने आपना खून बांटा था, हमने जिन्ना को मना करके उन्हें ठुकराया था. लियाकत अली खान को ना मानकर गांधी-नेहरू को माना था. हमें इसे बात की सजा देते हो तुम? हम पर जितने हमले हुए हैं, उनमें सबसे बड़ा हमला आपकी औकाफ पर है.'
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ लगातार विरोध जता रहे मुस्लिम
मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड के अधिकारों को सीमित करने के लिए संशोधन बिल पेश किया हुआ है. यह बिल संसद से संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया था, जो इस पर सभी पक्षों को सुनने के बाद सिफारिशें देगी. इस समिति की मीटिंग्स में भी हंगामे हो रहे हैं और नौबत मारपीट तक पहुंच चुकी है. मुस्लिम संगठन भी पूरे देश में लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध के तहत ताल कटोरा स्टेडियम में भी यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
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'हमें हल्का-फुल्का मत समझना' नीतीश-नायडू को इस मुस्लिम नेता ने क्यों दी धमकी?