डीएनए हिंदी: विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey Encounter) शायद ही अभी देश के लोग भूले हों, अब यूपी के एक और अपराधी को इसी अंदाज में मार गिराया गया है. वेस्टर्न यूपी के मेरठ जिले के रहने वाले अकबर बंजारा और उसके भाई सलमान बंजारा असम पुलिस की कस्टडी में मारा गया है. असम पुलिस का कहना है कि उन दोनों को ले जा रही गाड़ियों पर उग्रवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें दोनों मारे गए और चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
असम पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, हमला सोमवार रात करीब 1.30 बजे उस समय हुआ जब पुलिसकर्मी तस्करों को जोमदुआर क्षेत्र में संकोश नदी के किनारे तस्करी के मार्गों की पहचान के लिए ले जा रहे थे. अधिकारी ने दावा किया कि दोनों को ले जा रही पुलिस की गाड़ी ''उग्रवादियों की गोलीबारी की चपेट में आ गई'' जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने कार से बाहर कूदकर मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने यह भी कहा कि घटनास्थल पर पेड़ गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं.
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अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभालने के बाद जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच 10-12 मिनट तक गोलीबारी जारी रही. उन्होंने कहा, ''उग्रवादियों के हमले के दौरान दोनों पशु तस्करों को गोलियां लगीं. सरायबील प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.'' अधिकारी ने कहा कि अकबर बंजारा और सलमान बंजारा पशु तस्करी में कथित संलिप्तता के लिए मेरठ से गिरफ्तार किया गया था.
कौन है अकबर बंजारा?
मेरठ का रहने वाला अकबर बंजारा 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का मालिक था. मेरठ के लोकल मीडिया के मुताबिक, अकबर कभी ट्रक चलाता था. उसने असम के रेड्डी गैंग के साथ मिलकर अकूल दौलत जुटाई. अकबर बंजारा गो-तस्करी में लिप्त था. उसका नेटवर्क कही राज्यों में फैला था. असम पुलिस काफी लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी लेकिन खाकी और खादी से मिले संरक्षण की वजह से वो हर बार बच जाता था.
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इस बार मेरठ पुलिस ने असम पुलिस को सहयोग किया, जिस वजह से अकबर बंजारा और सलमान पकड़े गए. बताया जा रहा है कि अकबर की गिरफ्तारी पर असम पुलिस ने मेरठ पुलिस को दो लाख रुपये की इनाम राशि दी थी. हालांकि हैरत की बात यह है कि अकबर पर मेरठ में कोई हिस्ट्रीशीट नहीं थी. असम पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद ही स्थानीय पुलिस ने उसका रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया था.
अकबर के पिता बोले- मेरे बेटे थे बेकसूर
अकबर बंजारा के पिता पीरू बंजारा ने अपने दोनों बेटों को बेकसूर बताते हुए कहा कि साजिश के तहत उन्हें मरवा दिया गया. उन्होंने बताया कि पहले वो असम में पशु व्यापार करते थे, बाद में बटों ने व्यापार संभाल लिया. उन्होंने कहा कि अकबर बंजारा के पास सिर्फ एक मकान है वो भी लोन लेकर बनाया गया है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बंजारा परिवार ने गलत तरीके से कई करोड़ की संपत्ति बनाई है.
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