खाप पंचायतों को हमेशा हॉरर किलिंग आदि जैसी बुराइयों के लिए ही याद किया जाता है, लेकिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मानना है कि खाप वास्तव में बेहद सकारात्मक परंपरा है, जो हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है. उपराष्ट्रपति ने सूरजकुंड में एक कार्यक्रम के दौरान शनिवार को कहा, खाप हमारी संस्कृति है. इसकी गहराई का आकलन महज कुछ छिटपुट घटनाओं के आधार पर नहीं किया जा सकता है. पीटीआई के मुताबिक, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी संस्कृति, खाप को देखें. खाप संस्कृति का इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि खाप बेहद सकारात्मक रही हैं. आप अलग-अलग घटनाओं पर इसका आकलन नहीं कर सकते हैं. बता दें कि खाप उन गोत्र-आधारित संगठनों को कहा जाता है, जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. इनका स्थानीय स्तर पर अपना सामाजिक सिस्टम होता है, जो सरकारी व्यवस्था के समानांतर कार्य करता है.
हरियाणा को बताया देश का रोल मॉडल
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने हरियाणा को देश का रोल मॉडल बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दूरदर्शी सोच के तहत व्यवस्था परिवर्तन और सुशासन का काम किया, जो आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के ट्रांसपेरेंट, अकाउंटेबल व ऑनेस्ट रिक्रूटमेंट प्रोसेस की चर्चा पूरे देश में होती है. यह बात धनखड़ ने हरियाणा सरकार के पिछले नौ साल के काम पर 'नए व जीवंत हरियाणा का उदय' पुस्तक का विमोचन करते समय की. इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर के साथ ही राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी मौजूद रहे.
खाप हमारी संस्कृति है! हरियाणा की खासियत है!
— Vice President of India (@VPIndia) February 3, 2024
पृष्ठभूमि में जाइए, तो आप पायेंगे कि खाप सकारात्मक है, गहराई की सोच है।
इक्की-दुक्की घटनाओं से आप इनका मूल्यांकन नहीं कर सकते। @mlkhattar pic.twitter.com/pnp0lpFz36
गौरवकाल है भारत का अमृतकाल
उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले कार्यकाल को भारत का अमृतकाल बताया. साथ ही कहा कि यह भारत का गौरवकाल है, जिसमें भारत क 2047 तक विकसित देश बनाने की मजबूत नींव भरी जा रही है. उन्होंने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह बदल रहा है. आज के दिन उभरते हुए भारत को आप देखेंगे तो जो परिकल्पना हमारी सांस्कृतिक विरासत में है, वो हमारी तरक्की में पूरी तरह झलक रही है.
हस्त शिल्प मेले में आए कलाकारों से भी मिले उपराष्ट्रपति
कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का भी भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग स्टॉल पर जाकर देश-विदेश से आए बुनकर, हस्तशिल्प कलाकारों और शिल्पकारों से भी मुलाकात की और उनके उत्पादों की जानकारी ली.
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'ये हमारा कल्चर हैं, इन्हें महज कुछ घटनाओं से ना परखें' उपराष्ट्रपति ने खाप को लेकर क्या कहा