डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बीते 14 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूर फंसे हैं. उन्हें निकालने का इंतजार हर दिन लंबा होता चला जा रहा है. कभी सरिया, कभी जमीन का कंपन रेस्क्यू ऑपरेशन को और जटिल बना दे रहा है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल और आईटीबीपी सहित कई एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं.
ऑगर मशीन बुरी तरह से सरियों के जाल में फंस गई है. लोहे के पाइप के आखिरी मुहाने पर ऐसा हुआ है. अब इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी बाधा यही है. रेस्क्यू टीम अभी यह समझ नहीं पा रहा है कि कैसे जाल को काटकर मशीन को पीछे घसीटें.
BSNL ने मजदूरों के लिए स्पेशल लाइन बिछाकर की लैंडलाइन की व्यवस्था
सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का हौसला मशीन की ड्रिलिंग बंद होने से नहीं टूटे, इसकी व्यवस्था की गई है. मजदूरों की उनके परिवारों से रेगुलर बात कराने के लिए एक लैंडलाइन फोन की व्यवस्था की गई है. BSNL ने सुरंग तक स्पेशल टेलीकॉम लाइन बिछाकर इस लैंडलाइन फोन की व्यवस्था की है.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue: A landline facility is being set up by BSNL at Silkyara Tunnel in Uttarkashi to enable stranded workers to talk to their family members. https://t.co/WQ5smU4jeu pic.twitter.com/Q9w2sPTuGe
— ANI (@ANI) November 25, 2023
ड्रिलिंग बंद होने पर पहले सीएम और अब केंद्रीय मंत्री पहुंचे सुरंग में
ड्रिलिंग बंद होने के बाद अंदर फंसे मजदूर हौसला नहीं तोड़ दें. इसके लिए पहले मुख्यमंंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने अस्थायी कार्यालय से रेस्क्यू साइट पर पहुंचे. उन्होंने जाते ही अधिकारियों के साथ स्पेशल मीटिंग कर हालात की जानकारी ली. इसके बाद सुरंग के अंदर जाकर वॉकीटॉकी के जरिये मजदूरों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया. देर शाम केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी एक बार फिर दोबारा सुरंग पर पहुंच गए हैं. जनरल वीके सिंह भी काम बंद होने के बाद आगे की योजना जानने के इरादे से पहुंचे हैं.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Union Minister General VK Singh (Retd) reaches the Silkyara tunnel site where the rescue operation is underway to bring out the trapped workers. pic.twitter.com/ZzfNn3B796
— ANI (@ANI) November 25, 2023
ऑगर मशीन चलने की स्थिति में नहीं, कल से शुरू करेंगे मजदूर खुदाई
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के आज भी बाहर निकलने के आसार खत्म हो गए हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य विशाल चौहान ने कहा, अब तक हम 47 मीटर से ज्यादा खोद चुके हैं. अभी 12-15 मीटर और खोदना है. शायद 10 से 14 मीटर तक हो सकता है. हमें अब मैनुअली खुदाई करनी होगी. बहुत सारी बातें हैं, जिनका अनुमान नहीं लगाया जा सकता. हमारी पहली प्राथमिकता मजदूरों को रेस्क्यू करना है. उधर, रेस्क्यू से जुड़े एक अधिकारी ने कहा है कि मैनुअल खुदाई कल यानी रविवार से ही शुरू हो पाएगी.
अब होगी मैनु्अल ड्रिलिंग, 3 मजदूरों की तबीयत खराब
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 13 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान बार-बार आ रही बाधाओं के कारण बचावकर्ता शेष हिस्से की हाथ से ड्रिलिंग या लंबवत बचाव मार्ग तैयार करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. सुरंग में फंसे तीन मजदूरों की तबीयत भी खराब है. उन तक दवाइयां पहुंचाई गई हैं.
क्यों रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही है देरी? सीएम ने बताया
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत ही कठिन परिस्थितियों में चल रहा है. बहुत नजदीक पहुंचने के बाद मशीन फंस गई. मशीन सुबह तक निकल जाएगी. इसके बाद मैनुअल ड्रिलिंग की जाएगी. बचाव टीम हर ऑप्शन पर काम कर रहे हैं. हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया जा रहा है जो शाम तक पहुंच जाएगा .यह आगर मशीन को काटकर अलग कर देगा. जिसकी जरूरत पड़ रही है मंगवाई जा रही है. सारा ध्यान इस पर है कि सबको सुरक्षित निकाला जाएगा. GPR कॉनिकल शेप में देखता है. उसके मुताबिक जो आकंड़ा मिला था वह भरोसेमंद है.
फंसे हुए मजदूरों को एयर-कंप्रेस्ड पाइप के जरिए ऑक्सीजन, बिजली और खाने-पीने का सामान पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. शुक्रवार को एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन रुका क्योंकि लगातार कई बाधाएं सामने आ रही हैं. एक बार फिर लोहे के सरिया ने रेस्क्यू ऑपरेशन को जटिल बना दिया है. बचाव टीम अब यह कहने से बच रही है कि मजदूर कब बाहर आएंगे.
इसे भी पढ़ें- Rajasthan Assembly Elections 2023: पढ़ें पल-पल के अपडेट्स.
आइए जानते हैं अब तक क्या-क्या हुआ है-
1. सुरंग के बाहर पहुंची विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि 5 मीटर तक कोई भारी चीज अभी नजर नहीं आ रही है. पार्सन ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली से आई टीम ने बचाव सुरंग की जांच के लिए ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक का इस्तेमाल किया.
2. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक बार फिर ड्रिलिंग मशीन फंस गई है. जीपीआर के जरिए यह पता लगता है कि धातु कितनी दूर हो सकता है. जीपीआर मूलतः स्कैन करता है. अभी 5 मीटर और ड्रिलिंग बिना किसी डर के की जा सकती है.
3. मशीन में तकनीकी खराबी आने की वजह से ड्रिलिंग रोकी गई है. नई ऑगर मशीन इंदौर से लाई गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन थोड़ी देर में शुरू होगा.
4. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बचाव अभियान का अंतिम चरण बेहद धीमी गति से किया जाए. रेस्क्यू टीम आगे की प्रक्रिया बेहद सावधानी के साथ चलाए.
5. NDRF की टीम मजदूरों को स्ट्रेचर के जरिए एक-एक करके बाहर लाएगी, जिसमें पहिए लगे हुए हैं. सुरंग से मजदूर कब बाहर आएंगे, इसकी सटीक जानकारी बचाव टीम अभी नहीं दे रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Uttarkashi Rescue: अब मैनुअली होगी खुदाई, मजदूरों तक स्पेशल लाइन बिछाकर पहुंचाया लैंडलाइन फोन