डीएनए हिंदी: Uttarkashi Tunnel Rescue Operation Latest Updates- उत्तराखंड में सुरंग के अंदर मलबा गिरने से फंस गए 40 मजदूरों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में पांच दिन से फंसे ये 40 मजदूर कुछ ही घंटे में बाहर निकल सकते हैं. यह दावा इन मजदूरों को निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच उत्तराखंड प्रशासन की तरफ से किया गया है. उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन सचिव डाक्टर रंजीत सिन्हा (Disaster Management Secretary Dr. Ranjit Sinha) ने यह दावा किया है. उन्होंने कहा है कि नई ऑगर मशीन ने मलबे के बीच ड्रिलिंग शुरू कर दी है. 1 घंटे में करीब 5 मीटर मलबा हटाया गया है. हमारी कोशिश है कि कुछ ही घंटे बाद फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा सके. बता दें कि ऑगर मशीन के जरिये मलबे में ड्रिलिंग करते हुए स्टील के पाइप डालकर जगह बनाई जा रही है, जिनके जरिये अंदर फंसे हुए मजदूरों तक पहुंच बनाना है. इसके बाद इन्हीं पाइपों के जरिये मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा.
पहले पाइप की ड्रिलिंग हो चुकी है पूरी
दिल्ली से वायुसेना के हर्क्यूलिस विमानों द्वारा बुधवार को मलबे में ड्रिलिंग कर सुरंग बनाने वाली ऑगर मशीन उत्तरकाशी पहुंचाई गई थी. इस मशीन के सभी हिस्से जोड़ने के बाद गुरुवार को सुरंग के अंदर भूस्खलन से जमा हुए मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गई है. पहले घंटे में ही 6 मीटर लंबे एक पाइप की ड्रिलिंग पूरी हो गई है. इसके बाद दूसरे पाइप की ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है. मौके पर मौजूद ज़ी न्यूज़ की संवाददाता अंजलि सिंह के मुताबिक, मलबा क्लियर करने के बाद वहां पाइप के जरिए पैसेज बनाया जाएगा. इस पैसेज से अंदर फंसे सभी लोगों को बाहर निकाला जाएगा. यह काम अगले कुछ घंटे में पूरा हो सकता है. NHIDCL के डायरेक्टर अंशू मनीष खलखो ने भी कहा कि 25 टन की हैवी ऑगर मशीन प्रति घंटे 5-6 मीटर ड्रिल करती है. ऐसे में जल्द ही मजदूरों तक पहुंचने के लिए पूरा मलबा साफ होकर रास्ता मिल सकता है. इससे ही अगले कुछ घंटों में गुड न्यूज की उम्मीद लग रही है.
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण
केंद्र सरकार भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह घटनास्थल पर पहुंचे थे. उन्होंने सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग हादसे की पूरी जानकारी ली है. साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन की भी समीक्षा की है. उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गुरुवार को रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा के लिए बैठक की है. बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि सुरंग में ऑगर मशीन भेज दी गई है और मजदूरों को बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
पहली मशीन खराब होने के बाद फैल गई थी मायूसी
सुरंग के अंदर मलबे के पीछे फंसे मजदूरों तक पहुंच बनाने के लिए पहले एस्केप टनल बनाई जा रही थी, लेकिन मंगलवार रात को इस एस्केप टनल के कारण मेन सुरंग में और ज्यादा भूस्खलन होने लगा था. इसके चलते ड्रिलिंग रोक दी गई थी. इसके बाद मलबे के अंदर पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग शुरू की गई थी, लेकिन उसकी मशीन बीच में ही खराब हो गई थी. इसके बाद दिल्ली से बुधवार को 25 टन की हैवी ऑगर मशीन लाने की कवायद शुरू की गई. यह एडवांस मशीन मलबे के अंदर सुरंग बनाने का काम करती है. इसे तीन हर्क्यूलिस विमानों के जरिये उत्तराखंड की चिन्योलीसौड़ हवाईपट्टी पर लैंड कराया गया, जहां से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ये सभी पुर्जे सिलक्यारा पहुंचाए गए. बुधवार और गुरुवार को सारे पुर्जे जोड़कर मशीन तैयार की गई. इसके बाद मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन में नॉर्वे और थाईलैंड की स्पेशल टीमों की भी मदद ली जा रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
पांच दिन से उत्तराखंड की सुरंग में फंसे मजदूर कुछ देर में निकल आएंगे बाहर, जानिए आया है क्या ताजा अपडेट