डीएनए हिंदी: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चंपावत (Champawat) जिले में एक सरकारी स्कूल (Government School) में 10 दिन पहले खास वर्ग के छात्रों ने एक दलित महिला के बनाए खाने को खाने से इनकार कर दिया था. छात्रों के विरोध के बाद दलित रसोइया को इस काम से हटा दिया गया था. व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन के बाद एक बार फिर 32 वर्षीय महिला की बहाली कर दी गई है.
चंपावत में हुए इस प्रकरण में पुलिस ने 6 नामजद और 18 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. एफआईआर में एक महिला ब्लॉक विकास समिति (BDC) की सदस्य और मूल शिक्षक संघ की अध्यक्ष शामिल हैं. आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) (अत्याचार निवारण) अधिनियम और 506 (criminal intimation) के तहत केस दर्ज किया गया है. पीड़िता सुनीता देवी ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी थी.
कब हटाई गईं थीं सुनीता देवी?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक चंपावत जिले की मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) आरसी पुरोहित ने कहा, 'हमने कॉलेज में अभिभावक शिक्षक संघ और स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक की और दलित महिला को भोजनमाता (मिड-डे मील) के रूप में बहाल कर दिया, जिन्हें 22 दिसंबर को उनके पद से हटा दिया गया था.'
क्या थी विवाद की वजह?
सुनीता देवी 13 दिसंबर को सुखीढांग में सरकारी इंटर कॉलेज (GIC) में भोजनमाता के तौर पर शामिल हुई थीं. उन्होंने कथित तौर पर उच्च जाति से आने वाली शकुंतला देवी की जगह ली थी जो 60 साल की होने के बाद रिटायर हुई थीं. सुनीता देवी की नियुक्ति के पहले दिन, सभी छात्रों ने दोपहर का भोजन एक साथ किया था लेकिन एक दिन बाद, कक्षा 6 से 8 तक के 66 छत्रों में से लगभग 40 उच्च जाति के छात्रों ने मिड डे मील खाने से इनकार कर दिाय था. छात्र अपने घर से टिफिन बॉक्स लेकर आते थे. पूरे घटनाक्रम में जातिवादी एंगल सामने आया था.
शिक्षा विभाग ने क्यों किया था बाहर?
शिक्षा विभाग ने 22 दिसंबर को उनकी नियुक्ति में 'प्रक्रियात्मक खामियों' (procedural lapses) का हवाला देते हुए निकाल दिया था. दो दिन बाद, स्कूल में दलित छात्रों ने सुनीता देवी की जगह लेने वाली उच्च जाति की महिला के बनाए खाने का बहिष्कार किया था. इस घटना की व्यापक निंदा हुई थी और जातिगत पूर्वाग्रह के आरोप लगे थे. गुरुवार को राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने देवी से मुलाकात की थी और पुलिस को मामला दर्ज करने की बात कही.
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