Uttar Pradesh News: 'पुलिस हमेशा देरी से ही आती है' यह कहावत आपने खूब सुनी होगी. पुलिस की लेटलतीफी के किस्से भी खूब चर्चित होते हैं, लेकिन अब एक ऐसा मामला हुआ है, जो आपको हैरान कर सकता है. किसी आम आदमी की मौत की जानकारी भले ही पुलिस को ना होती हो, लेकिन किसानों के मुद्दों पर लखनऊ से दिल्ली तक सरकारों को हिला देने वाले चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत (mahendra singh tikait) के निधन को भी पुलिस भूल गई. एक मामले में बाबा टिकैत के नाम से मशहूर रहे भारतीय किसान यूनियन (BKU) के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, जबकि उनका निधन 13 साल पहले ही हो चुका है. ये वारंट मुजफ्फरनगर जिले के भौराकलां थाने में पहुंचे तो वहां की पुलिस भी सिसौली में उन्हें गिरफ्तार करने घर पर पहुंच गई. इसे लेकर पुलिस की बेहद खिल्ली उड़ रही है और किसानों में नाराजगी फैल गई है.

कैराना कोर्ट ने जारी किए थे वारंट

बाबा टिकैत समेत कई अन्य किसान नेताओं के नाम पर गैर जमानती वारंट कैराना कोर्ट ने जारी किए थे. इन सभी पर शामली जिले के कांधला में सड़क पर जाम लगाने के बेहद पुराने केस में पेशी पर हाजिर नहीं होने का आरोप है. कोर्ट में बाबा टिकैत का डेथ सर्टिफिकेट जमा नहीं होने के कारण यह वारंट जारी हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भौराकलां थाना पुलिस के इस नोटिस को लेकर पहुंचने पर सिसौली गांव में लोग भड़क गए और इसे बाबा टिकैत का अपमान बताया है. उनका कहना है कि बाबा टिकैत का डेथ सर्टिफिकेट जमा करना की जिम्मेदारी पुलिस की थी. 

'पहले देखना चाहिए किसके खिलाफ है नोटिस'

बाबा टिकैत के पोते चरण सिंह टिकैत ने इसे बड़ी प्रशासनिक चूक बताते हुए सवाल उठाया है. उन्होंने मीडिया से कहा,' इस चूक से यह पता चलता है कि नोटिस जारी करने से पहले किसके खिलाफ भेजा जा रहा है, यह नहीं देखा जाता. गरीब किसानों की आवाज उठाने वाले बाबा टिकैत को पूरा भारत जानता है. 15 मई, 2011 को 7.14 बजे उन्होंने शरीर त्याग दिया था. इसके बावजूद 13 साल बाद उनके खिलाफ नोटिस जारी हो गया. ऐसे में सोचिए आम आदमी को कितनी परेशानी झेलनी पड़ती होगी और उन्हें न्यायपालिका व पुलिस प्रशासन कितना मानसिक-शारीरिक कष्ट देता होगा. थाना भौराकलां को तो इसकी जानकारी होनी चाहिए थी कि आप नोटिस कहां भेज रहे हैं. उसे थाने से ही वापस कर देना चाहिए था.'

टिकैत की एक आवाज पर हिल जाती थी सरकार

ठेठ देहाती अंदाज में रहने वाले बाबा टिकैत को किसानों का बड़ा नेता माना जाता था. उनकी एक पुकार पर उत्तर प्रदेश ही नहीं हरियाणा, पंजाब और राजस्थान तक के किसान दिल्ली में जुट जाते थे. उनके नेतृत्व में दिल्ली बोट क्लब पर किसानों का धरना बेहद चर्चित रहा था, जिसने राष्ट्रीय राजधानी की रफ्तार ही रोक दी थी. इसके अलावा भी उनके नेतृत्व में तमाम बड़े आंदोलन छेड़े गए थे. इस कारण उनकी एक आवाज पर केंद्र से राज्य तक की सरकारें हिल जाती थीं.

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UP police reached at farmer leader baba mahendra singh tikait home after 13 year of his death in muzaffarnagar
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वाह री यूपी पुलिस, 13 साल पहले हुआ सरकारों को हिलाने वाले किसान नेता बाबा टिकैत
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Baba Tikait
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वाह री यूपी पुलिस, 13 साल पहले हुआ किसान नेता बाबा टिकैत का निधन, अब पहुंचा अरेस्ट वारंट

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