Unnao Rape Case: उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) के दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. कुलदीप सिंह सेंगर ने स्वास्थ्य कारणों से जेल से जमानत पर रिहाई की गुहार दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में पिछले कुछ समय से दाखिल कर रखी थी. हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सेंगर की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है. हाई कोर्ट ने सेंगर को इलाज के लिए दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में भर्ती कराने का आदेश दिया है. सेंगर को उनकी पार्टी भाजपा पहले ही निष्कासित कर चुकी है. इससे पहले भी साल 2023 में सेंगर को बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जमानत पर जेल से रिहाई मिल चुकी है.
दो सप्ताह के लिए मिली है अंतरिम जमानत
दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को उसकी अंतरिम जमानत मंजूर की थी, जिसका आदेश शुक्रवार को जारी हुआ है. सेंगर को हाई कोर्ट ने दो सप्ताह के लिए जमानत दी है और दिल्ली एम्स में भर्ती होकर मेडिकल चिकित्सकीय बोर्ड से जांच कराने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने जमानत अवधि के दौरान सेंगर को रोजाना उन्नाव रेप केस के जांच अधिकारी के साथ संपर्क में रहने का निर्देश दिया है.
पीड़िता के परिवार से संपर्क किया तो जमानत होगी रद्द
हाई कोर्ट ने सेंगर को यह भी चेतावनी दी है कि यदि उसने उन्नाव रेप केस की पीड़िता या उसके परिवार से किसी भी तरह का संपर्क किया तो जमानत बीच में ही रद्द हो जाएगी. सेंगर पर इससे पहले पीड़िता के परिवार ने धमकी देने और हमले कराने के आरोप लगा रखे हैं. एम्स प्रबंधन को सेंगर की मेडिकल जांच के बाद रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया गया है.
लंबी कैद की सजा काट रहा है सेंगर
उन्नाव में साल 2017 में एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया गया था. लड़की ने तत्कालीन उन्नाव विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपहरण कराने और रेप करने का आरोप लगाया था. इस मामले में सेंगर को लोअर कोर्ट ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना रखी है. सेंगर के गुर्गों ने लड़की के पिता के साथ बुरी तरह मारपीट की थी, जिसकी शिकायत करने पर उल्टा उन्नाव पुलिस ने उन्हें ही हिरासत में ले लिया था. पुलिस कस्टडी में पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी. पीड़िता ने अपने पिता की हत्या सेंगर के इशारे पर ही किए जाने का आरोप लगाया था. इस मामले में भी लोअर कोर्ट ने सेंगर को 10 साल कैद और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. रेप पीड़िता की कार को 2019 में ट्रक ने कुचलने की कोशिश की थी. इस मामले में पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उसे लंबे समय तक दिल्ली एम्स में जिंदगी-मौत से जूझना पड़ा था. इस मामले में भी सेंगर के खिलाफ केस चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में निचली अदालत से सारे मामले दिल्ली ट्रांसफर कर दिए थे. सेंगर को भी दिल्ली की तिहाड़ जेल में ही रखा गया है. सेंगर ने निचली अदालतों के फैसलों को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है.
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उन्नाव रेप केस: जेल से बाहर आएगा पूर्व MLA कुलदीप सेंगर, इस कारण मिली जमानत