डीएनए हिंदी: भारत के वैध तरीके से ऊर्जा (Energy) खरीदने का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. जो देश तेल के मामले में आत्मनिर्भर हैं या जो खुद रूस से तेल आयात करते हैं वे प्रतिबंधात्मक व्यापार की वकालत नहीं कर सकते हैं.

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक भारत की इस रुख को लेकर आलोचना की गई है कि देश ने रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल खरीदने के लिए रास्ते खुले रखे हैं. आलोचनाओं के बाद भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है कि व्यापार का राजनीतिकरण न किया जाए.

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तेल की कीमतें बढ़ा सकती हैं मुश्किलें

सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन संघर्ष के कारण कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी ने भारत की चुनौतियां बढ़ा दी है. इससे स्वभाविक रूप से प्रतिस्पर्धी दर पर तेल क्रय करने को लेकर दबाव बढ़ा है.

रूस से बेहद कम तेल खरीदता है भारत

रूस बहुत कम मात्रा में भारत को कच्चे तेल का निर्यात करता है जो देश की जरूरत का एक फीसदी से भी कम है. सूत्रों ने कहा कि आयात के लिए सरकारों के बीच कोई समझौता भी नहीं है. (भाषा इनपुट के साथ)

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रूस से तेल की खरीद पर क्या है भारत का रुख?
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Russia से तेल की खरीद पर बोला भारत- वैध तरीके से हो रही डील, राजनीतिकरण से करें परहेज