डीएनए हिंदी: शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे गुट पर जमकर हमला बोला है. ठाणे नगर निगम से 66 शिवसेना पार्षदों के शिंदे गुट में शामिल हो जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन्हें जाना है वो जाए, किसी के जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शिवसेना को मुझसे कोई नहीं छीन सकता.
शिवसेना प्रमुख ने पार्टी के सिंबल पर भी कहा, ‘तीर और कमान’ उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न रहेगा. पार्टी और मजबूत खड़ी होकर दिखाएगी.' उन्होंने उन विधायकों का धन्यवाद किया जो इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़े हैं. उद्धव ने कहा कि वह जल्द सांसदों के साथ बैठक करेंगे और आगे की रणनीति स्पष्ट करेंगे.
उद्धव ठाकरे को फिर लगा बड़ा झटका, ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षद शिंदे गुट में शामिल
सुप्रीम कोर्ट तय करेगा शिवसेना का भविष्य
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की मांग की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 11 जुलाई का फैसला सिर्फ शिवसेना का ही नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भवि
सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को करेगा सुनवाई
दरअसल, शिवसेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने शुक्रवार को कहा कि याचिका को 11 जुलाई को उचित पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. शिवसेना नेता सुभाष देसाई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि वे अन्य लंबित याचिकाओं के साथ नई याचिका को सूचीबद्ध करने की अपील कर रहे हैं, जिन पर 11 जुलाई को सुनवाई होनी है.
जब एकनाथ शिंदे ने की महिला पुलिसकर्मी की मदद...
देसाई ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिंदे गुट और भाजपा के गठबंधन को आमंत्रित करने के राज्यपाल के 30 जून के फैसले को चुनौती दी है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने तीन और चार जुलाई को हुई विधानसभा की कार्रवाई की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें सदन का एक नया अध्यक्ष चुना गया था. इसके अलावा बाद में सदन में हुए विश्वास मत की कार्रवाई को भी चुनौती दी गई है, जिसमें शिंदे के नेतृत्व वाले गठबंधन ने बहुमत साबित किया था.
29 जून उद्धव ठाकरे ने दिया था इस्तीफा
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को हाल में वरिष्ठ नेता शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा. पार्टी के अधिकतर विधायकों ने शिंदे का पक्ष लिया, जिससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई. ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उसके एक दिन बाद शिंदे ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
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शिंदे गुट पर Uddhav Thackeray का अटैक, 'मुझसे कोई नहीं छीन सकता शिवसेना'