डीएनए हिंदी: देश में हिंदी और तमिल भाषा को लेकर विवाद हैं और यह अब हर एक चीज में देखने को मिल रहा है. इसका नया निशाना दही बना है. दही के पैकेट का नाम हिंदी में 'दही' करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया है कि देश के खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (FSSAI) को बीच बचाव करना पड़ा. FSSAI ने आखिरकार गुरुवार को अपना निर्देश वापस ले लिया है. बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से लेकर राज्य के दुग्ध उत्पादकों ने इसे हिंदी थोपने का आरोप लगाय था.
इस मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया था कि खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण राज्य पर हिंदी भाषा को थोप रही है. इसके अलावा तमिलनाडु के दुग्ध उत्पादन संघ आविन ने भी FSSAI के नियमों का विरोध किया है. संघ ने कहा है कि वह अपने पैकेट पर हिंदी शब्द ‘दही' के बजाय तमिल शब्द ‘थायिर' लिखेगा.
मंत्री बोले हिंदी की तमिलनाडु में कोई जगह नहीं
हिंदी और तमिल को लेकर बढ़ती खाई के बीच तमिलनाडु के दुग्ध विकास मंत्री एस एम नसर ने स्वीकार किया कि सरकार को एक पत्र मिला है, जिसमें यह निर्देश अगस्त से पहले लागू करने को कहा गया है. मंत्री ने हिंदी के प्रति घृणा जाहिर करते हुए कहा है कि नसर में कहा कि राज्य में हिंदी के लिए कोई स्थान नहीं है.
FSSAI ने कैसे निकाला है समस्या का हल
इस विवाद को सुलझाने के लिए FSSAI ने बयान जारी किया है. इस बयान में संस्था ने कहा, ‘‘खाद्य कारोबार परिचालकों (FBO) को अब लेबल पर कोष्ठकों में किसी अन्य प्रचलित क्षेत्रीय सामान्य नाम के साथ ‘दही’ शब्द का उपयोग करने की अनुमति है. उदाहरण के लिए, ‘दही (दही)' या 'दही (मोसरू), ‘दही (ज़ामुतदौद)', 'दही (थायिर)', 'दही (पेरुगु)' का उपयोग किया जा सकेगा."
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इस मामले में विवाद तमिलनाडु दुग्ध उत्पादक महासंघ द्वारा विरोध के चलते शुरू हुआ था. FSSAI ने दही के पैकेट में 'दही' लिखने का आदेश दिया था. इस मामले में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने FSSAI पर हिंदी भाषा तोपने का आरोप लगाया था जिसको सॉल्व करने के लिए FSSAI ने अपना फैसला ही वापस ले लिया है.
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तमिलनाडु में क्यों कह रहे लोग नहीं खाएंगे दही, क्या है हिंदी से जुड़ा विवाद