डीएनए हिंदी: ताजमहल आजकल सुर्खियों में है. अब इसे लेकर एक अनोखी बात सामने आई है. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक आगरा में चार ऐसे गांव हैं, जिनके लोग प्यार की निशानी माने जाने वाले ताजमहल से नफरत करते हैं. कोई ताजमहल का यूं भी नाम लेता है तो यही कहता है- वाह ताज. ऐसे में ये गांव ताजमहल के नाम से भी इतनी नफरत क्यों करते हैं? जानतें हैं इस सवाल का जवाब-
कौन से हैं ये गांव
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आगरा के चार गांव गढ़ी वंगस, नगला पेमा, कलपी नगला, अहमद बुखारी के लोग ताजमहल का नाम सुनते ही गुस्से में आ जाते हैं. वजह है ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था से पैदा होने वाली दिक्कतें. ये पांचों गांव ताजमहल से लगे हुए हैं. इनका रास्ता ठीक ताजमहल के बगल से गुजरता है. मगर ताजमहल के एकदम नजदीक होने की वजह से इन गांवों में हमेशा सुरक्षा व्यवस्था सख्त रहती है. गांववासियों के रिश्तेदार भी अब यहां मिलने नहीं आते. यहां शादी के लिए रिश्ते भी नहीं आते हैं. इसी वजह से गांव के पचास फीसद युवा कुंवारे हैं. ऐसे में
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सुप्रीम कोर्ट ने लिया था निगरानी में
साल 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल को अपनी निगरानी में लिया था. इसके बाद से इन गांव के लोगों को शहर जाने के लिए दशहरा घाट के निकट लगे नगला पैमा पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरना पड़ता है या फिर 10 किमी घूमकर धांधूपुरा होकर जाना पड़ता है. इन परेशानियों की वजह से इन गांवों के लोग ताजमहल को खूबसूरती भरी नजर से नहीं देखते बल्कि इसे परेशानी की वजह मानते हैं.
कैसे होती हैं गांव में एंट्री
सुरक्षा के कड़े प्रबंधों के बीच इन गांवों में एंट्री के लिए पास लेना जरूरी होता है. साथ ही आधार कार्ड भी देखा जाता है. किसी भी गांव वासी के रिश्तेदार का वाहन गांव में आना निषेध है.इन परेशानियों के चलते गांवों के कई लोग पलायन भी करते रहे हैं.
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Taj Mahal से नफरत करते हैं आगरा के ये लोग, वजह कर सकती है हैरान