डीएनए हिंदीः खानपान से जुड़ी चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी ने जनता की हालत खराब की हुई है. हाल ही में इससे जुड़ा एक सर्वेक्षण भी किया गया जिसमें सब्जियों की बढ़ती कीमतों के जनता पर पड़ने वाले प्रभाव को दिखाया गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले 30 दिनों में भारत में हर 10 में से 9 घरों में सब्जियों की बढ़ती कीमतों का दर्द महसूस किया गया है.
सर्वे करने वाले लोकल सर्किल ने कहा कि उसे पूरे भारत के 311 जिलों में रहने वाले नागरिकों से 11,800 प्रतिक्रियाएं मिलीं और दावा किया कि मार्च से सब्जियों की बढ़ती कीमतों से लगभग 87 प्रतिशत भारतीय परिवार प्रभावित हुए हैं. सर्वे में 37 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वो सब्जियों पर 25 प्रतिशत से अधिक बढ़े हुए खर्च का अनुभव कर रहे हैं.
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लोकल सर्किल का कहना है कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि पिछले महीने में कुछ सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. 36 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे 10-25 प्रतिशत अधिक भुगतान कर रहे हैं. जबकि अन्य 14 प्रतिशत ने कहा कि वे पिछले महीने की तुलना में अब उतनी ही मात्रा में सब्जियों के लिए 0-10 प्रतिशत अधिक भुगतान कर रहे हैं.
25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें 25-50 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ा, जबकि अन्य पांच प्रतिशत लोगों का मानना था कि उन्हें मार्च की तुलना में सब्जियों की समान मात्रा के लिए अतिरिक्त 50-100 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा था.
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सर्वेक्षण में शामिल 7 प्रतिशत लोगों ने दावा किया कि वे समान मात्रा के लिए दोगुने से अधिक राशि का भुगतान कर रहे हैं. वहीं केवल 2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे वास्तव में समग्र रूप से कम भुगतान कर रहे हैं. 4 प्रतिशत लोगों की राय थी कि कीमतें अपरिवर्तित रहीं. 7 फीसदी लोगों ने कहा कि वे तब और अब की कीमतों में अंतर नहीं कर पा रहे हैं.
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