डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कई विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिका पर फैसला करने में देरी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के प्रति नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कहा कि स्पीकर शीर्ष अदालत के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मुद्दे पर निर्णय लेने की समयसीमा के बारे में जानकारी देने को कहा है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, 'किसी को विधानसभा अध्यक्ष को यह सलाह देनी होगी कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकते.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनवा से पहले ही स्पीकर इस मुद्दे पर अपना फैसला सुना दें.
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विधानसभा चुनाव से पहले लें फैसला
CJI ने कहा है कि अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला अगले विधानसभा चुनाव से पहले लेना होगा, नहीं तो पूरी प्रक्रिया निरर्थक हो जाएगी. पीठ ने कहा कि अगर वह विधानसभा अध्यक्ष की समयसीमा से संतुष्ट नहीं होती तो वह निर्देश देगी कि निर्णय दो महीने के भीतर लिया जाए.
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'अगर आप नहीं लेंगे एक्शन तो हम लेंगे'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'भारत के संविधान के विपरीत फैसला होने पर इस अदालत की व्यवस्था को माना जाना चाहिए.' सुप्रीम कोर्ट सोमवार या मंगलवार को सुनवाई कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने बीते 18 सितंबर को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया था कि एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले के लिए समयसीमा बताएं. (इनपुट: भाषा)
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'कोर्ट के आदेश को अनदेखा नहीं कर सकते स्पीकर,' एकनाथ शिंदे के विधायकों की अयोग्यता पर SC सख्त