डीएनए हिंदी: बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई को लेकर मुद्दा अभी ठंडा नहीं हुआ है. मृतक आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमादेवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वो आनंद मोहन को दी गई छूट से जुड़े सारे दस्तावेज अदालत में पेश करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब इस मामले की सुनवाई 8 अगस्त को होगी.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार को यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आगे सुनवाई को टाला नहीं जाएगा औ सुनवाई के दिन सरकार को सारे रिकॉर्ड पेश करने ही पड़ेंगे. बता दें कि आईएएस अधिकारी रहे जी कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में आनंद मोहन की रिहाई और कानून बदले जाने को चुनौती दी थी.
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बिहार सरकार के वकील को सुनाई दो टूक
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने बिहार सरकार की ओर से पेश वकील मनीष कुमार से कहा कि मामले में आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा. शुरू में बिहार सरकार के वकील ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ वक्त की मोहलत मांगी थीं.
क्या थीं कृष्णैया की पत्नी की मांग
बता दें कि मृतक आईएएस अधिकारी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी कृष्णैया की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य सरकार ने पश्चगामी ढंग से नीति में बदलाव किया और आनंद मोहन को रिहा कर दिया. लूथरा ने पीठ से अनुरोध किया कि वह राज्य को आनंद मोहन के सभी पिछले आपराधिक रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दे.
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जी कृष्णैया की पत्नी के वकील ने मामले की सुनवाई अगस्त में करने का भी अनुरोध किया. इसके बाद अदालत ने बिहार सरकार से आनंद की रिहाई को लेकर सारे रिकॉर्ड मांगे है.
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आनंद मोहन की रिहाई पर SC ने बिहार सरकार से मांगा पूरा रिकॉर्ड, IAS जी कृष्णैया की पत्नी ने दायर की थी याचिका