डीएनए हिंदी: सूडान में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच चल रही लड़ाई बढ़ती ही जा रही है. अब तक इस लड़ाई में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में वहां मौजूद भारतीय नागरिकों की भी जान संकट में फंसी हुई है. भारतीय दूतावास ने वहां ऑफिशियल रिकॉर्ड के हिसाब से 181 भारतीय नागरिकों की मौजूदगी की पुष्टि की है. हालांकि वहां 350 से ज्यादा भारतीय मौजूद होने की संभावना जताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां फंसे भारतीयों के पास खाना और पीने का पानी भी खत्म हो चुका है. ऐसे में वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. सबसे ज्यादा संकट उनके किसी भी पल सूडानी सेना या पैरामिलिट्री फोर्स की गोली का निशाना बनने का है. भारत लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है, लेकिन अब संकट के चरम स्तर पर पहुंचता देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हाई-लेवल मीटिंग बुलाकर वहां की सिक्योरिटी सिचुएशन को रिव्यू किया है. माना जा रहा है कि सरकार शाम तक नागरिकों को एयर लिफ्ट करने जैसा कोई बड़ा फैसला ले सकती है. 

5 पॉइंट्स में जानते हैं कि पूरी बात क्या है और क्या होना संभव है.

1. पहले जान लेते हैं कि सूडान संकट क्या है?

सूडान में दरअसल संकट अक्टूबर, 2021 से चल रहा है, जब जनरल अब्देल फत्ताह बुरहान ने सूडानी सेना के सहारे तानाशाह ओमार अल बशीर का तख्तापलट कर सत्ता संभाल ली थी. उस समय सेना के साथ पैरामिलिट्री फोर्स रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) भी थी, जिसे तख्तापलट कर लोकतांत्रिक शासन लागू करने का वादा किया गया था. सेना के वादा नहीं पूरा करने पर RSF ने विरोध किया, जिसमें उसका साथ पूर्व जनरल मोहम्म्द हमदान दागलो के समर्थन वाले अन्य हथियार बंद सैन्य समूह भी दे रहे हैं. सेना RSF का अपने अंदर विलय करना चाहती है, जबकि दागलो RSF के जरिये अपने कब्जे वाली सोने की अवैध खदानों को बचाए रखना चाहते हैं. अब दोनों सशस्त्र गुटों के बीच छह दिन से वर्चस्व का हिंसक संघर्ष चल रहा है, जिसका सबसे ज्यादा असर राजधानी खार्तूम में है. नागरिक घरों में कैद हैं, जिससे उनके लिए खाने-पीने का संकट पैदा हो गया है. सूडानी सेना ने RSF के लड़ाकों पर खार्तूम में हवाई हमले भी किए हैं, जिनकी चपेट में आकर नागरिकों की भी मौत हुई है.

2. भारतीयों की क्या है वहां पर स्थिति

भारतीय दूतावास के पास मौजूद दस्तावेजों के हिसाब से ऑफिशियल तरीके से वहां 181 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से ज्यादातर कर्नाटक और केरल के रहने वाले हैं. इनमें से अधिकतर लोग हक्की-पिक्की जनजाति के हैं, जो सूडान में अपने हर्बल प्रॉडक्ट्स व आयुर्वेदिक अर्क को बेचने के लिए आते हैं. इनमें से 98 लोग एक पांच मंजिला होटल में फंसे हुए हैं, जबकि बाकी इधर-उधर रह रहे हैं. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के मांड्या ज़िले के नागमंगला निवासी संजू और उनकी पत्नी को 18 अ्प्रैल को वापस भारत लौटना था, लेकिन 15 अप्रैल को ही वहां एयरपोर्ट बंद हो गया और वे खार्तूम में ही फंस गए. संजू ने बताया कि अब बिजली भी गायब हो रही है. घरों की दीवारों पर गोलियों के निशान खौफ पैदा करते हैं. उन्होंने फोन पर बातचीत के समय भी बैकग्राउंड में आ रही फायरिंग की आवाजें सुनाईं, जो बिना थमे घंटों से चल रही थीं.

3. सूखी ब्रेड खाकर और टॉयलेट का पानी पीकर गुजारा

बीबीसी से बातचीत में संजू ने कहा, हम जिस होटल में हैं, वहां के कर्मचारी पांच दिन पहले लड़ाई शुरू होते ही भाग गए थे. अब यहां खाना भी खत्म हो चुका है. हम सूखी ब्रेड के कुछ टुकड़ों और टॉयलेट के नल के पानी पर जीवित हैं. एक कमरे में हम 10 लोग छिपे हुए हैं. भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने हमसे संपर्क कर बाहर जाने से मना किया है, लेकिन यह नहीं बताया कि बिना खाना-पानी के यहां कब तक रहना है. सूडान के एक अन्य शहर अल-फशीर में भी भारतीय फंसे हैं. वहां मौजूद कर्नाटक के दावणगेरे ज़िले के चन्नागिरी के रहने वाले प्रभु एस. ने बीबीसी से कहा, हम यहां 31 लोग हैं. बुधवार को एक दुकान सीजफायर होने पर आधा घंटे के लिए खुली थी, जिससे थोड़ा चावल और पानी मिला. अब ये भी खत्म होने वाला है. यहां फिल्मों में दिखने वाली गोलीबारी से भी ज्यादा खतरनाक हालात में हम रह रहे हैं. दोपहर में शांति रहती है, लेकिन सुबह और शाम को गोलियां बारिश की तरह बरसती हैं. 

4. पीएम मोदी ने ली भारतीय राजदूत से जानकारी

पीएम मोदी ने हाई-लेवल मीटिंग में सूडान में मौजूद भारतीय राजदूत बीएस मुबारक से सारी जानकारी ली है. उनके साथ ही मिस्र और सऊदी अरब में मौजूद भारतीय राजदूत भी ऑनलाइन मीटिंग में शामिल हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रही मीटिंग में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पीएमम मोदी को सारे हालात बताए. जयशंकर ने 20 अप्रैल को यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस (UN Secretary-General Antonio Guterres) से भी न्यूयॉर्क में हुई बैठक में सूडान संकट पर चर्चा की थी, जिसकी जानकारी उन्होंने पीएम मोदी को दी. 

5. एयरलिफ्ट करने पर हो सकता है फैसला

प्रधानमंत्री की मीटिंग में भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, भारतीय नौसेना प्रमुख चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल आर हरि कुमार के साथ मिस्र और सऊदी अरब में भारतीय राजदूतों की भी मौजूदगी के बड़े मायने लगाए जा रहे हैं. सरकार ने ऑफिशियली कुछ नहीं कहा है, लेकिन माना जा रहा है कि मीटिंग में सूडान से भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करके स्वदेश लाए जाने पर चर्चा की गई है. इस बारे में जल्द ही बड़ा फैसला लिया जा सकता है. 

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Sudan Crisis PM Narendra Modi chairs high level meeting to review security of Indians discuss airlift plan
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सूडान में भारतीय खा रहे सूखी ब्रेड, पी रहे टॉयलेट का पानी, PM मोदी ने की इमरजेंस
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PM Narendra Modi high level meeting on sudan crisis
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सूडान में भारतीय खा रहे सूखी ब्रेड, PM मोदी की इमरजेंसी बैठक में एयरलिफ्ट पर चर्चा?, 5 पॉइंट्स में जानें अगला कदम