डीएनए हिंदीः आधार कार्ड (Aadhaar Card ) को अब तक का सबसे प्रमाणित पहचान पत्र माना जाता है. बायोमेट्रिक जानकारी होने के कारण इसकी नकल करना नामुमकिन है. हालांकि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि (UIDAI) के कामकाज पर सवाल उठाए हैं. कैग ने कहा कि नवंबर 2019 तक 4.75 लाख आधार रद्द करने पड़े थे. इसमें लोगों की बायोमेट्रिक जानकारियां एक समान थीं. इसके बाद यह कदम उठाया गया.
यह भी पढ़ेंः एक रोटी के चलते अल्पमत में आ गई इस देश की सरकार, ना संभले हालात तो हो सकते हैं Election
सख्त नियमों की जरूरत
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक कैग ने सुझाव दिया है कि बायोमेट्रिक जानकारियों को लेकर नियमों को सख्त किया जाएगा. कैग का यह भी कहना है कि अगर कोई एजेंसी गलतियां करती है तो उसके खिलाफ जुर्माने के भी सख्त प्रावधान किए जाएं. वहीं, यूआईडीएआई को अपनी तकनीक की समीक्षा करने के लिए भी सुझाव दिया गया है. कैग का कहना है कि ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे ऐसी गलतियों से बचा जा सके.
यह भी पढ़ेंः अमेरिका के निशाने पर अब Putin की बेटी, कर सकता है बड़ी कार्रवाई
बच्चों के आधार में सबसे अधिक गड़बड़ी
कैग का कहना है कि बच्चों के आधार उनके अभिभावकों के बायोमेट्रिक को लेकर बनाए जाते हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बाल आधार पर 310 करोड़ रुपये गैर जरूरी रूप से खर्च किए गए. कैग ने कहा कि पांच साल से छोटे बच्चों के लिए नए विकल्प तलाश करने की जरूरत है.
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें
- Log in to post comments
चार लाख से अधिक Aadhaar Card में एक जैसी बायोमेट्रिक जानकारियां, CAG ने पूछा- कैसे हुई इतनी बड़ी भूल?