डीएनए हिंदी: अपने आने वाले कल को सुरक्षित करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय विदेश का रुख करते हैं. विदेश जानकर काम करने वालों में महिलाओं की भी बड़ी तादाद है. लेकिन दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां से लगातार भारतीय महिला कर्मचारियों के साथ शोषण की शिकायतें सामने आती हैं.
ECR और खाड़ी देशों में भारतीय दूतावास पर महिला वर्कर्स शोषण की सबसे ज्यादा शिकायतें करती हैं. विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय महिलाकर्मियों पर अत्याचार करने के मामले में सऊदी अरब और UAE अव्वल हैं.
कैद तक कर लिया जाता है भारतीय महिला कर्मचारियों को
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने बताया है कि ECR (EMIGRATION CHECK REQUIRED) देशों में महिलाकर्मियों से उन्हें अत्याचार की कई तरह की शिकायतें मिलती हैं. ECR ऐसे देश होते हैं जिनमें काम करने के लिए जाने वाली भारतीय नर्सों और ECR PASSPORT लिए हुए भारतीयों को EMIGRATION क्लियरेंस लेना जरूरी होता है.
विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब और UAE सहित 18 देशों को ECR देश घोषित किया हुआ है. विदेश मंत्रालय ने बताया है कि इन 18 देशों से महिला वर्कर्स की तरफ से कई तरह की शिकायतें आती हैं.
इस तरह की शिकायतें करती हैं ज्यादातर महिला कर्मचारी
भारतीय महिला कर्मचारियों की शिकायत के मुताबिक, इन देशों में उन्हें सैलरी नहीं दी जाती है. लेबर अधिकार नहीं दिए जाते हैं. रहने के लिए जरूरी रेजिडेंस परमिट रिन्यू नहीं किया जाता है. ओवरटाइम भत्ता नहीं दिया जाता है. हफ्ते में कोई भी छुट्टी नहीं दी जाती है.
तय घंटों से ज्यादा घंटों तक काम कराया जाता है. कांट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी EXIT वीज़ा की परमिशन नहीं दी जाती है. मेडिकल और इंश्योरेंस जैसी जरूरी सुविधाएं भी नहीं दी जाती हैं. इतना ही नहीं मेड के तौर पर काम करने वाली महिलाओं को कैद करने तक की शिकायतें सामने आई हैं.
क्या होता है ECR PASSPORT?
ECR यानि EMIGRATION CHECK REQUIRED पासपोर्ट भारतीय पासपोर्ट की कैटेगरी है. अगर आपने 10वीं क्लास पास नहीं की है या आप 10वीं या हायर एजुकेशन का अपना सर्टिफिकेट पेश नहीं कर पाते हैं तो आपका पासपोर्ट ECR कैटेगरी का बनेगा. जब आप ECR देशों में काम करने जाएंगे तो आपको इमीग्रेशन चैक से जरूर गुजरना होगा.
सऊदी अरब और UAE में होता है सबसे ज्यादा अत्याचार
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, ECR कैटेगरी के 18 देशों में से सऊदी अरब और UAE दो देश ऐसे हैं जहां भारतीय महिला वर्कर्स पर सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं. 2019 में सऊदी अरब में 78 महिला कर्मियों ने, यूएई में 55 महिलाओं ने, मलेशिया में 21 महिलाओं ने तो कुवैत में 20 महिलाओं ने अपने साथ होने वाले अत्याचारों की शिकायतें विदेश मंत्रालय से की.
कुल मिलाकर इस साल 189 महिला वर्कर्स ने शोषण की घटनाओं के बारे में विदेश मंत्रालय को बताया. 2020 में भी विदेश में काम करने वाली 154 महिला वर्कर्स ने अपने साथ होने वाले अत्याचार की आपबीती विदेश मंत्रालय को सुनाई. इनमें से 58 शिकायतें अकेले सऊदी अरब में दर्ज की गईं.
दूसरे नंबर पर UAE रहा, जहां 39 महिला वर्कर्स ने शोषण कि शिकायत दर्ज कराई. 33 शिकायतों के साथ कुवैत तीसरे नंबर पर रहा. 2021 में भी भारतीय महिला वर्कर्स का शोषण करने के मामले में सऊदी अरब नंबर वन पर रहा. विदेश मंत्रालय तक 60 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची. UAE और कुवैत में 22 तो मलेशिया में 19 महिला वर्कर्स ने अपने शोषण की शिकायत दर्ज कराई.
इस साल भी अब तक आए आंकड़ों के मुताबिक, सऊदी अरब 6 शिकायतों के साथ भारतीय महिला वर्कर्स पर अत्याचार करने के मामले में पहला नंबर बरकरार रखे हुए है. कुवैत से अब तक 4, मलेशिया और UAE में 3-3 महिला कर्मियों ने शोषण की शिकायत की है. हालांकि इन 18 देशों में से इंडोनेशिया, लेबनान, लिबिया, सूडान, साउथ सूडान, सीरिया, यमन ये 7 देश ऐसे हैं जहां पर किसी भी भारतीय महिला कर्मचारी ने 2019 से लेकर अब तक किसी भी तरह के शोषण की शिकायत नहीं की है.
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