डीएनए हिंदी: बिहार में कोरोना की तीसरी लहर के चलते कई पाबंदियां जारी हैं. इसका प्रभाव अब सरस्वती पूजा पर भी देखने को मिल रहा है. सरस्वती पूजा में महज एक दिन शेष है और अब तक मूर्तिकारों की आधी मूर्तियों के ग्राहक भी यहां नहीं पहुंचे हैं.  

बता दें कि कोरोना को लेकर सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, कोचिंग संस्थान सभी बंद हैं. वहीं अब इसका असर मूर्ति बाजार पर देखने को मिल रहा है. मूर्तिकारों का कहना है कि कोरोना मरीजों की संख्या कम होने के बाद आशा जगी थी कि स्कूल सहित अन्य शिक्षण संस्थान पूजा के पूर्व खुल जाएंगे. इसी आशा में मूर्तियां भी तैयार कर लीं लेकिन पाबंदियां लागू रहीं. अब तैयार मूर्तियों के ग्राहक नहीं मिल रहे.

पटना के आर पी एस मोड़ पर मूर्ति बना रहे मूर्तिकार दयानंद पंडित कहते हैं, इस बार शिक्षण संस्थान बंद रहने से सरस्वती पूजा के आयोजन पर काफी असर पड़ा है. शिक्षण संस्थान तो बंद है ही, सार्वजनिक स्थानों पर भी काफी कम संख्या में पूजा के आयोजन हो रहे हैं. इस कारण मूर्ति बाजार ठंडा पड़ गया है. 

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इसके अलावा पश्चिम बंगाल से आए मूर्तिकार चंद्र पाल का कहना है कि वे प्रतिवर्ष पटना आकर मूर्ति बनाने का काम करते थे. कोरोना और लॉकडाउन से पहले सरस्वती पूजा में 100 मूर्तियां एक सीजन में बिकती थीं. इस वर्ष तो 50 मूर्तियां भी नहीं बिकी हैं. स्थिति यह है कि कोई एडवांस देने तक नहीं आया है. कई मूर्तियों का ऑर्डर मिला भी था, वह भी कैंसिल हो गया है.

उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद से मिट्टी, सुतली, रंग और अन्य समानों की कीमतों में भी वृद्धि हुई है, वह अलग परेशानी है. हमलोगों का मुनाफा काफी कम हो गया है. वे कहते हैं कि मेहनत अधिक और मुनाफा कम होने के कारण अब लोग इस धंधे को छोड़ रहे हैं.

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Sarasvati Puja 2022 Due to government order between Corona idol market slowed down
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Sarasvati Puja 2022: बसंत पंचमी पर छाया कोविड का साया, मंदा पड़ा मूर्ति बाजार
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Sarasvati Puja 2022: वसंत पंचमी पर छाया कोविड का साया, मंदा पड़ा मूर्ति बाजार, मूर्तिकार मायूस
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Sarasvati Puja 2022: बसंत पंचमी पर छाया कोविड का साया, मंदा पड़ा मूर्ति बाजार, मूर्तिकार मायूस