डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस (RSS) को लेकर मुस्लिम समाज (Muslim Community) में एक विरोधी धारणा बनी हुई है. देश के एक बड़े मुस्लिम तबके में यह मान्यता है कि आरएसएस उनके विरोध में ही काम करता है लेकिन अब आरएसएस शायद इस धारणा को बदलने की पुरजोर कोशिशें कर रहा है. मुस्लिमों को लुभाने की नीति के चलते ही आरएसएस ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (Andhra Pradesh & Telangana) में पूरे रमजान के दौरान इफ्तारी का आयोजन करने का ऐलान किया है. ये कार्यक्रम संघ के एक धड़े यानी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के ध्वज तले आयोजित होगा. खास बात यह है कि यह ऐलान किसी और ने नहीं बल्कि संघ के बड़े नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने किया है.
संघ ने किया बड़ा ऐलान
वहीं इस मुद्दे पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा, "हम तभी तरक्की कर सकते हैं, जब नफरत को दफन करें. एक दूसरे से प्रेम करें. इसलिए हमें इस अवसर का सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने में उपयोग करना है."
वहीं इस योजना को लेकर दक्षिण भारत में एमआरएम के क्षेत्रीय संयोजक ने कहा, "रमजान के दौरान अभी इस तरह के आयोजन हमारे केंद्र में हैं." एमआरएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक सैयद फैयाजुद्दीन के कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों के बाद पहली बार यह आयोजन हो रहे हैं. इस बार इनका दायरा व्यापक होगा."
ऐतिहासिक है यह ऐलान
संघ के ऐलान और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की योजना के अनुसार रमजान के शुरुआती 20 दिनों में दोनों राज्यों में रोजा इफ्तार की दावतें होंगी. अंतिम 10 दिनों में ईद-मिलाप समारोहों का सिलसिला चलेगा. ये आयोजन वैसे तो पूरे राज्य में होंगे. वहीं हैदराबाद और विजयवाड़ा जैसे प्रमुख शहरों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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आपको बता दें कि एमआरएम पहली बार पूरे रमजान के महीने में इस तरह के आयोजन कर रहा है इसलिए इस बार का रमजान ऐतिहासिक माना जा रहा है. इसके पहले प्रत्येक वर्ष रमजान में एक या दो बार ही इफ्तार और ईद-मिलाप का आयोजन किया जाता था.
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