डीएनए हिंदी: रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) की भर्ती प्रक्रिया (recruitment process) का विरोध बिहार (Bihar) और चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में छात्र कर रहे हैं. यह विरोध प्रदर्शन अब उग्र विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो रहा है. गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों और रेलवे भर्ती बोर्ड की लेवल-1 की परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थी बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

बिहार में, प्रदर्शनकारी परीक्षार्थियों ने गया में एक स्थिर ट्रेन के चार खाली डिब्बों में आग लगा दी थी. गया और जहानाबाद के बीच रेल ट्रैफिक को भी रोक दिया था. पटना, भागलपुर और सासाराम में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे.  

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को प्रयागराज में एक ट्रेन रोकने की कोशिश कर रहे छात्रों के एक समूह पर पुलिसकर्मियों ने बल प्रदर्शन किया था. अब 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. 3 नामजद और 1,000 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दंगा और पथराव करने का केस दर्ज किया जा चुका है.

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क्यों नाराज हैं प्रदर्शनकारी?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि '5 पे ग्रेड' में एक स्क्रीनिंग टेस्ट की प्रणाली उच्च योग्यता (Higher Qualification) वाले लोगों के पक्ष में बनाई गई है. स्नातक को ऐसी परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जा सकता है जहां न्यूनतम योग्यता 10+2 हो. अभ्यर्थियों ने मार्किंग सिस्टम की भी आलोचना की है.

क्या है विवाद की वजह?

रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा 2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किए गए थे. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच नाराजगी है. इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. यह विरोध बिहार, उत्तरप्रदेश और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है.

मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई जगहों पर रेल पटरियों पर धरना दिया. कई घंटे तक रेलों को बाधित किया। वहीं बुधवार को बिहार के गया और आरा में छात्रों ने ट्रेन को आग लगा दी. रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से जीवन भर के लिए बैन करने की चेतावनी भी दी थी. 

सरकार ने प्रदर्शन के मद्देनजर क्या किया है फैसला?

भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर उम्मीदवारों के हंगामे के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार को परीक्षार्थियों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आग्रह किया था. उन्होंने यह वादा किया था कि परीक्षार्थियों की शिकायतों का समाधान किया जाएगा. इससे पहले दिन में, देश के अलग-अलग इलाकों में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा तोड़फोड़ की खबर के बाद रेल मंत्रालय ने गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों और स्तर 2 परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था.

क्यों भर्ती बोर्ड पर धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं छात्र?

उम्मीदवार दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने के रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अंतिम चयन के लिए दूसरा चरण उन लोगों को धोखा देने जैसा है जो कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) के लिए आरआरबी-एनटीपीसी के पहले चरण में पास हुए हैं. करीब 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्तर दो से स्तर छह तक 35,000 से अधिक पदों का विज्ञापन दिया गया था. प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई जगहों पर रेलवे ट्रैक पर  धरना दिया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही रुक गई. विरोध की वजह से कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था. 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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RRB-NTPC Exam को लेकर क्यों जारी है UP-Bihar में छात्रों का विरोध प्रदर्शन?
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