डीएनए हिंदी: गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) इस बार बेहद खास है. गणतंत्र दिवस पर कई परंपराएं बदल गई हैं. इस साल गणतंत्र दिवस परेड में 565 खास लोगों को 'विशेष आमंत्रण' दिया गया है. इन आमंत्रितों में 250 निर्माण श्रमिक (Construction Workers), 115 सफाई कर्मचारी, 100 ऑटोरिक्शा चालक और 100 स्वास्थ्य कर्मचारी (Healthcare Workers) शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस ने कुछ ऐसे ही मेहमानों से बातचीत की है. अशोक कुमार की उम्र 52 वर्ष है 25 साल से सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं. अशोक कुमार को भी विशेष निमंत्रित किया गया है. अशोक कुमार नई दिल्ली नगर परिषद ( NDMC) में लगभग 25 वर्षों से सफाई कर्मचारी की सेवाएं दे रहे हैं. अशोक अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहते हैं. उनकी तैनाती कनॉट प्लेस में है. उन्होंने इससे पहले कभी गणतंत्र दिवस परेड नहीं देखी है. अशोक कहते हैं कि हमने कोविड महामारी के दौरान कड़ी से कड़ी मेहनत की है. अपने कर्तव्यों का पालन किया है. हमने बिना रुके काम किया है. अशोक कुमार दिन में सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक काम करते हैं. दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक भी उनकी शिफ्ट लगती है. विशेष न्योते पर उन्होंने खुशी जाहिर की है.
खुश हैं गणतंत्र दिवस के स्पेशल गेस्ट
खास मेहमानों में अक्षय तांती का भी नाम शामल है. अक्षय तांती पेशे से एक कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं. अक्षय तांती दिल्ली में सेंट्रल विस्टा कंस्ट्रक्शन साइट पर एक सहायक के तौर पर काम करते हैं. अक्षय तांती ने कहा है कि लगभग 50 दिनों से साइट पर काम कर रहा हूं. इससे पहले, मैं वडोदरा में एक अलग कंपनी में काम कर रहा था. कोविड लॉकडाउन में उन्होंने अपना ज्यादातर वक्त पश्चिम बंगाल के मालदा में बिताया है. अक्षय कहते हैं कि हमें बाहर जाने की अनुमति नहीं थी. कभी-कभी काम मिलता था. अक्षय परेड में जाने से बेहद खुश हैं.
शामिल होने वाले नर्सें क्या बोलीं?
रेणु नागर की उम्र 36 साल की है. नर्सों के वेलफेयर पर ध्यान देने वाली एक संस्था संस्था द ट्रेन्ड नर्सेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ वह काम करती हैं. उन्होंने कहा है कि यह एक कठिन वक्त है. रेणु नागर ने कहा है कि PPE की मांग करते हुए नर्सें हमारे पास पहुंचती थीं. हमने नर्सों की शिकायतों को दर्ज देने किए कंप्लेंट प्लेटफॉर्म भी बनाया. उन्होंने नर्सों के लिए काम किया. नर्सें आशंकित और चिंतित थीं. रेणु भी परेड में जाने से खुश हैं.
42 वर्षीय संघमित्रा सावंत प्रशिक्षित नर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सहायक महासचिव हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल नर्सों के लिए कठिन रहे हैं. उन्होंने कहा है कि महामारी के दौरान कई परेशानियों से जूझना पड़ा. इस दौरान नौकरी अस्थिर रही. नर्सों को परिवार से दूर रहना पड़ा. मनोवैज्ञानिक परेशानियों से जूझना पड़ा. हम चाहते हैं कि नर्सों को उनके प्रयास के लिए मान्यता मिले. ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होना विशेषाधिकार है.
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