Ratan Tata Bungalow: रतन टाटा का ड्रीम होम हालेकई (Halekai) क्या जल्द ही उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (Noel Tata) का घर बनने जा रहा है? यह चर्चा इस समय हर तरफ है, जिसकी पुष्टि टाटा परिवार से जुड़े सूत्रों ने भी की है. हालांकि कई लोगों ने इस संभावना को खारिज किया है. रतन टाटा ने कोलाबा में समुद्र किनारे इस बंगले को खुद डिजाइन किया था, जहां वे अपने निधन से पहले तक रह रहे थे. उनके निधन के बाद से ही हालेकई खाली पड़ा हुआ है, जिसके चलते इसके संभावित उपयोग के बारे में चर्चा शुरू हो गई है, जो अन्य पूर्व टाटा चेयरमैन के निधन के बाद उनके आवासों के उपयोग से बिल्कुल उलट होगा.
कफ परेड में रह रहे हैं अभी नोएल टाटा
रतन टाटा की वसीयत में क्या होगा? इस समय यह चर्चा हर तरफ है. इसी कारण हालेकई को लेकर भी अटकलें लगनी शुरू हो गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि टाटा ट्रस्ट (Tata Trusts) के चेयरमैन और रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अपने परिवारके साथ जल्द ही इस घर में शिफ्ट हो सकते हैं, वहीं अन्य लोगों ने इस बात को खारिज किया है. नोएल टाटा फिलहाल कफ परेड में विंडमेयर में रह रहे हैं. वहां वे हालेकई में शिफ्ट हो सकते हैं, जहां रतन टाटा ने अपने आखिरी साल गुजारे हैं. हालांकि यह संभव है कि वे तत्काल इसमें शिफ्ट ना करें और थोड़ा समय ठहरकर यह कदम उठाएं.
बेहद खूबसूरत है चार मंजिला हालेकई बंगला
कोलाबा में समु्द्र किनारे मौजूद हालेकई बंगले को रतन टाटा की बेहतरीन कल्पना का नमूना माना जाता है. रतन टाटा ने इस पूरे बंगले को खुद डिजाइन किया था, जिसे 13,350 वर्ग फीट के प्लॉट पर बनाया गया था. बता दें कि रतन टाटा ने कार्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर की पढ़ाई की थी और साल 1962 में टाटा ग्रुप जॉइन करने से पहले कुछ समय तक आर्किटेक्ट के तौर पर काम भी किया था. उनकी उस प्रतिभा का नजारा हालेकई में देखने को मिलता है. उन्होंने हालेकई का डिजाइन आर्किटेक्ट रतन बाटलीबोई के साथ मिलकर तैयार किया था. इस चार मंजिला बंगले का मालिकाना है Ewart Investments के पास है, जो टाटा सन्स (Tata Sons) की सहायक कंपनी है. यह बंगला रतन टाटा को उनके साल 2012 में टाटा सन्स के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट लेने पर अलॉट किया गया था. वह यहां अपने जर्मन शेफर्ड कुत्तों और हाउस स्टाफ के साथ रहते थे और टाटा ट्रस्ट्स में अपने हिस्से के काम को यहीं से अंजाम देते थे. पिछले साल अक्टूबर में उनके निधन के बाद से यह बंगला खाली पड़ा हुआ है.
रतन टाटा के निधन के बाद के पारसी रिवाज हो चुके हैं पूरे
रतन टाटा के निधन के बाद होने वाले पारसी रीति-रिवाज अब पूरे हो चुके हैं. जोरोस्ट्रियन ट्रे़डिशन (Zoroastrian Tradition) में किसी व्यक्ति के निधन के छह महीने बाद होने वाली chhamsi prayer ceremony भी इस रविवार को पूरी हो चुकी है. कुछ लोगों का मानना है कि अब नोएल टाटा इस बंगले में शिफ्ट हो सकते हैं. नोएल इस वीकएंड टाटा ग्रुप लीडरशिप कॉन्कलेव में शिरकत करने के लिए दुबई में थे. सूत्रों का कहना है कि वे हालेकई को ऐसे ही खाली छोड़ने के बजाय उसमें रहना पसंद करेंगे.
टाटा ग्रुप के पिछले चेयरमैन्स के घरों का क्या हुआ था?
टाटा ग्रुप के पिछले चेयरमैन्स और डिप्टी चेयरमैन्स के घरों में उनके निधन के बाद स्थायी रूप से कभी कोई नहीं रहा है. JRD Tata के ऑल्टमाउंट रोड स्थित दो मंजिला स्कॉटिश स्टाइल घर The Cairn को टाटा सन्स ने 50 करोड़ रुपये में खरीद लिया था. जेडब्ल्यू मेरियट होटल के करीब मौजूद The Juhu bungalow कभी रतन टाटा और नोएल टाटा के पिता नवल टाटा (Naval Tata) का घर रहा था, लेकिन उनके निधन के बाद से लगातार खाली है. दोनों घरों को खास मौकों पर टाटा ग्रुप के सीनियर एक्जीक्यूटिव्स या फैमिली फ्रेंड्स उपयोग में लेते रहे हैं.
नोएल टाटा का मौजूदा घर है 'ससुराल' की विरासत
नोएल टाटा अभी कफ परेड पर जिस छह मंजिला बिल्डिंग विंडमेयर में अपनी पत्नी अल्लू मिस्त्री (Aloo Mistry) और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहते हैं, वो उनके ससुराल की विरासत है. यह घर अल्लू और उनकी बहन लैला जेहानगीर (Laila Jehangir) को उनके पिता पालोनजी मिस्त्री (Pallonji Mistry) से विरासत में मिली थी. पालोन जी मशहूर Shapoorji Pallonji Group के पू्र्व चेयरमैन हैं और 1980 तक वे खुद विंडमेयर में ही रहते थे. इसके बाद वे वॉकेश्वर में स्टर्लिंग बे बंगले में शिफ्ट हो गए थे. विंडमेयर की छह मंजिलों में अल्लू मिस्त्री के पास छह अपार्टमेंट हैं. इस बिल्डिंग का हर फ्लोर करीब 6,000 वर्ग फीट का है, जिस पर 12 अपार्टमेंट हैं. बाकी बचे छह अपार्टमेंट का मालिकाना हक लैला जेहानगीर के पास है, जो विदेश में रहती हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया है कि उसकी तरफ से नोएल टाटा को 2 अप्रैल को हालेकई में शिफ्ट होने की चर्चा को लेकर ईमेल किया गया था, जिसका खबर लिखने तक कोई जवाब नहीं मिला था.
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क्या रतन टाटा के Halekai को अपना घर बनाएंगे नोएल टाटा? जानिए इस बंगले की खासियत