डीएनए हिंदी: Rajasthan News- कभी बाघ के हमले तो कभी बाघ के स्टाइल में पोज देने वाले अंदाज के कारण पूरी दुनिया में चर्चित राजस्थान का रणथंभौर टाइगर रिजर्व नए विवाद में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पिछले एक साल के दौरान 8 बाघ-बाघिन और उनके शावकों की मौत हो चुकी है. यह संख्या उन बाघों की है, जिनके शव बरामद हुए हैं. इनके अलावा भी 12 से ज्यादा बाघ-बाघिन अब तक गायब हैं, जिनकी कोई खबर टाइगर रिजर्व के मैनेजमेंट के पास नहीं हैं. इतने बड़े पैमाने पर टाइगर रिजर्व एरिया के अंदर बाघों के ऊपर मंडराए खतरे के बावजूद अभी तक किसी की जवाबदेही तय नहीं हो सकी है. अधिकारी आपसी खींचतान में ही उलझे हुए हैं.
किस महीने में कितने बाघ की मौत
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, रणथंभौर टाइगर रिजर्व में जनवरी, 2023 में 1 बाघ, 1 बाघिन और 1 शावक की मौत हुई. फरवरी में भी एक बाघिन T-19 कृष्णा की मौत हो गई. इसके बाद 10 मई को एक बाघ T-104 की मौत वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से हो गई. इस बाघ को बेहोश करने के लिए ट्रैंकुलाइज किया गया था, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी हालत बिगड़ गई और बाद में उसकी मौत हो गई. सितंबर में एक बाघिन गायब हो गई, जबकि उसके दो शावकों के शव बरामद हुए हैं. बाघिन को अब तक विभाग नहीं खोज पाया है. दिसंबर में भी 11 तारीख को एक बाघिन T-69 के शावक की मौत हो गई है. इस तरह 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर, 2023 के बीच 2 बाघ, 2 बाघिन और 4 शावकों समेत कुल 8 मौत दर्ज हुई हैं.
विभाग तय ही नहीं कर पा रहा जवाबदेही
टाइगर रिजर्व का निर्माण बाघों के संरक्षण के लिए होता है, लेकिन संरक्षित प्रोजेक्ट में एक साल के अंदर इतनी बड़ी संख्या में बाघों की मौत से सवाल खड़े हो गए हैं. विभाग अब तक किसी की जवाबदेही तय नहीं कर पाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टाइगर रिजर्व के CCF पी. कथिरवेल और DFO मोहित गुप्ता के बीच आपसी खींचतान चल रही है. इसका भी असर प्रोजेक्ट में बाघों के संरक्षण पर पड़ रहा है. हालांकि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंद तोमर ने इस मामले में रिपोर्ट मांगने की बात कही है और साथ ही दावा किया है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन फिलहाल यह प्रोजेक्ट खतरे में ही दिख रहा है.
राजस्थान के सबसे फेमस टूरिज्म स्पॉट में से एक
रणथंभौर टाइगर रिजर्व को राजस्थान के सबसे फेमस टूरिज्म स्पॉट में से एक माना जाता है. जिप्सी में टाइगर सफारी करने के अलावा पुराने किले को भी देखने का दोहरा आकर्षण यहां देश ही नहीं दुनिया भर से टूरिस्ट लेकर आता है, जिससे स्थानीय लोगों को भी बड़े पैमाने पर रोजगार मिलता है. इसके बावजूद इस प्रोजेक्ट को लेकर दिखाए जा रहे ढीलेपन से सब हैरान लग रहे हैं.
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रणथंभौर के बाघों पर संकट, एक साल में 8 बाघ-बाघिन का मिला शव और 12 अब भी गायब