डीएनए हिंदी: Rampur News- नक्सलियों को पुलिस और सीआरपीएफ के कारतूस सप्लाई करने के आरोपी 20 पुलिसकर्मियों समेत 24 लोगों को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने शुक्रवार को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है. करीब 13 साल पुराने चर्चित रामपुर कारतूस कांड के इन आरोपियों पर रामपुर कोर्ट के स्पेशल जज विजय कुमार ने 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इन सभी को कोर्ट ने गुरुवार को दोषी ठहराया था और शुक्रवार को सजा सुनाने के लिए कहा था. शुक्रवार सुबह सभी दोषियों को कड़ी सुरक्षा में रामपुर कोर्ट में हाजिर किया गया, जिसके बाद अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है.
दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों की शहादत से जुड़ा था केस
यह केस साल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में बड़े पैमाने पर सीआरपीएफ जवानों की शहादत से जुड़ा हुआ था. दरअसल दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले में नक्सलियों ने जो गोलियां इस्तेमाल की थीं, वे जांच में सरकारी कोटे की निकली थीं. ये गोलियां उत्तर प्रदेश के रामपुर से नक्सलियों को मिली थीं.
यूपी पुलिस की एसटीएफ ने रंगेहाथ दबोचे थे आरोपी
29 अप्रैल, 2010 को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ लखनऊ की टीम ने रामपुर में छापा मारा था. इस छापेमारी में रामरहीम पुल के पास से पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदानंदन, CRPF हवलदार विनोद कुमार व विनेश कुमार पकड़े गए थे. इनके पास एसटीएफ को 1.75 लाख रुपये नकद, कारतूस, कारतूसों के खोखे और हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था. इन लोगों से पूछताछ के आधार पर मुरादाबाद पीटीसी में तैनात नाथीराम सैनी को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की गई थी. सभी पर सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने, चोरी की संपत्ति को कब्जे में रखने, आपराधिक षड्यंत्र रचने के साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत केस चलाया गया था.
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UP News: चर्चित कारतूस चोरी कांड में 20 पुलिसकर्मियों समेत 24 को 10-10 साल की सजा