डीएनए हिंदी: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिस 'ग्राम स्वराज' की संकल्पना की थी हरियाणा के हिसार जिले के गांव किशनगढ़ में वह पूरी हो रही है. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए किशनगढ़ गांव की तस्वीर पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गई है. राज्यसभा सांसद और एस्सेल ग्रुप (Essel group) के चेयरमैन डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने किशनगढ़ गांव को गोद लिया है.
हरियाणा में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए गांवों में सिर्फ यही गांव ऐसा है जिसकी सफलता की कहानी को मिसाल के तौर पर भारत सरकार ने चुना है. डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने 'सबका' (SABKA) 5 गावों का एक ग्रुप बनाया है. सबका (SABKA) मतलब है- सदलपुर, आदमपुर, बरावाला खरा, किशनगढ़ और आदमपुर मंडी. 'सबका' के चतुर्दिक विकास के लिए डॉक्टर सुभाष चंद्रा लगातार प्रयासरत हैं.
अपने गोद लिए हुए गांवों के विकास के लिए डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने विकास योजना तैयार की. उन मुद्दों पर सांसद सुभाष चंद्रा ने ध्यान दिया जिनकी जरूरत गांवों को थी. डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने इसे एक मिशन के तहत लिया. लगातार और अथक प्रयासों का नतीजा है कि आज किशनगढ़ में 'ग्राम स्वराज' का सपना साकार हो रहा है.
कैसे बदल गई गांव की तस्वीर?
1. ग्राम विकास समिति को सशक्त बनाया गया जिससे ग्राम पंचायत को मजबूती मिली. समिति ने गांव में होने वाले विकास परियोजनाओं पर नजर रखा और यह तय किया उनका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से हो.
2. गांव में मूलभूत जरूरतों पर ध्यान दिया गया. गांव में बेहतर पंचायत भवन, सामुदायिक पार्क, प्ले ग्राउंड, सड़क, स्वास्थ्य सेवा और स्कूल पर ध्यान दिया गया. कभी विकास की धारा से कटे रहे इस गांव में आज सारी बुनियादी सेवाएं मौजूद हैं.
सुभाष चंद्रा फाउंडेशन ला रहा सकारात्मक बदलाव
सुभाष चंद्रा फाउंडेशन के जरिए गोद लिए हुए गांव में कई बड़े बदलाव आए हैं. शिक्षा से लेकर कृषि तक के क्षेत्रों में लगातार सुधार आ रहे हैं. युवाओं को रोजगार के मौके मिल रहे हैं. वहीं महिला सशक्तीकरण की दिशा में गुणात्मक परिवर्तन दर्ज किए जा रहे हैं.
1. शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे बड़े बदलाव
सुभाष चंद्रा फाउंडेशन महिला सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय काम कर रहा है. छात्राओं को शिक्षा और बराबरी का अधिकार देने के लिए ग्रुप ने 'सच विजय छात्रवृत्ति कार्यक्रम' की शुरुआत की थी. इसके जरिए छात्रों का सामरिक विकास हो रहा है. इस योजना के तहत 100 मेधावी लड़कियों को 10,000 से 15,000 रुपये की स्कॉलरशिप दी जा रही है.
2. कृषि क्षेत्र में भी बदल रही तस्वीर
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग और एकीकृत ग्राम विकास कार्यक्रम के जरिए किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा रहा है. गांव में हाईटेक उद्यान विकसित किए जा रहे हैं. ऑर्गेनिक क्लस्टर डेवलेपमेंट, केवीके फॉर्म, किसानों को आधुनिक रोजगार ट्रेनिंग और तमाम स्किल डेवलेपमेंट कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. अब तक 5000 से ज्यादा किसानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
3. खेल और लाइफ स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम पर जोर
युवाओं को बेहतर कल के लिए ट्रेन किया जा रहा है. 500 युवाओं को बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, थ्रोबॉल जैसे खेलों की ट्रेनिंग दी जा रही है. 100 से ज्यादा ट्रेनिंग ले चुके एथलीट राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं. 40 युवा ग्राम विकास की पहल में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. इसी प्रोग्राम के तहत अमित सिंह ने अपना सपना पूरा किया. वह भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता था. सुभाष चंद्रा फाउंडेशन के जरिए ट्रेनिंग के बाद अमित स्पोर्ट्स कोटा से सेना में भर्ती हो गया.
4. महिला सशक्तिकरण के लिए तेज हुए प्रयास
सुभाष चंद्रा फाउंडेश किचन गार्डन और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है. लोगों को घर के लिए ताजी सब्जी के लिए अब बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है. किसान परिवार किचन गार्डन के जरिए सब्जी भी बेच रहे हैं. इन योजनाओं से महिला सशक्तिकरण को भी बल मिल रहा है.
5. किसान उत्पादक कंपनी
सुभाष चंद्रा फाउंडेशन की ओर से चलाई जा रही किसान उत्पादक कंपनी किसानों की जिंदगी बदल रही है. इस प्रोग्राम के जरिए अच्छा बाजार, बेहतर मूल्य, कृषि सलाह, खरीद और किसान संबंधी सेवाओं को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. इस प्रोग्राम से करीब 350 किसानों को लाभ मिल रहा है.
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