डीएनए हिंदी: इंसानी हौसले के आगे बड़ी से बड़ी मुश्किल हार जाती है. इसे बीकानेर के रहने वाले 24 साल के हर्षद स्वामी ने सच करके दिखाया है. कैंसर की बीमारी और उसके इलाज में होने वाला शारीरिक-मानसिक तनाव को मात देकर हर्षद ने सीए की फाइनल परीक्षा पास की है.

2017 में पता चला कैंसर 
हर्षद ने बताया कि 2017 में उन्हें कैंसर बीमारी होने के बारे में पता चला था. इसके बाद 2019 तक उनका ट्रीटमेंट चलता रहा था. इस दौरान वह पूरी तरह से बेडरेस्ट पर थे. पढ़ाई बिल्कुल नहीं कर पाते थे लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि पढ़ाई पूरी करेंगे. उन्होंने कहा कि बेड रेस्ट के साथ मेरा एक लक्ष्य था कि मुझे अपना ध्यान भी  डाइवर्ट करना है और पढ़ना है. जब मैं यह कहता था तो उस वक्त लोग कहते थे कि यह तो पागल हो गया है. हर्षद कहते हैं कि उस दौरान बहुत से लोग ऐसे भी थे जिन्होंने मुझे हौसला दिया था. 

पढ़ें: Covid Impact On Women: पैड, पैंटी और पढ़ाई तीनों पर आई मुश्किल का दौर

टाइमपास के लिए किताब पढ़ने की आदत काम आई
हर्षद कहते हैं कि बीमारी के दिनों में मैं लोगों से कहता था कि टाइमपास के लिए इस बुक का एक पेज पढ़ रहा हूं. उस वक्त लोगों को मेरी बात अजीब लगती थी. किताब पढ़ने की इसी आदत ने मुझे सीए के लिए पढ़ने में मदद की है. 

परिवार भी हर्षद की उपलब्धि पर खुश 
हर्षद की उपलब्धि से उनके पिता भी बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि मेरे बच्चे का 2017 में कैंसर का पता चला था. वो वक्त हमारे लिए बहुत मुश्किल था और हम ही जानते हैं कि उन दिनों में हमारी हालत बहुत ही खराब थी. उस वक्त भी में मेरे बच्चे ने बहुत हिम्मत दिखाई थी. वह हम सबसे कहता था कि पापा सब ठीक हो जाएगा. 

पढ़ें: फिल्‍मी सितारों के बीच लोकप्रिय हुआ यह Dating App, एक लाख तक चल रही है वेटिंग

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

Url Title
rajasthan inspirational cancer survivor harshad swami clear ca final exam
Short Title
हौसलों की उड़ान: पहले Cancer से जीती जंग और फिर सीए बनकर दिखाया 
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
harshad swami
Date updated
Date published