डीएनए हिंदी: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया. साथ ही उन्होंने अपनी नवगठित पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) का भाजपा में विलय भी कर दिया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, किरेन रिजिजू और पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की मौजूदगी में अमरिंदर सिंह ने पार्टी मुख्यालय में बीजेपी की सदस्यता ली.
आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब कैप्टन ने अपनी पार्टी के साथ दल बदला हो. आज से 24 साल पहले भी कैप्टन अमरिंदर ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था. दरअसल, 1992 में अकाली दल से रिश्ता तोड़ने के बाद उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (पंथिक) नाम से नई पार्टी का गठन किया था. लेकिन उनकी पार्टी पंजाब में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी थी. इसके 6 साल बाद 1998 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और पार्टी का भी विलय कर लिया.
पंजाब में मजबूत नेतृत्व की जरूरत
बीजेपी में शामिल होने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब बॉर्डर स्टेट है. इसलिए वह यहां कि दिक्कतों को जानते हैं. पाकिस्तान पंजाब को डिस्टर्ब करने की कोशिश करता रहता है. सीमा पार से पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग की सप्लाई करने की घटनाएं सामने आते रहती हैं. ऐसे में यहां मजबूत नेतृ्त्व की जरूरत है.
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'पंजाब में बीजेपी की बढ़ेंगी ताकत'
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कैप्टन का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पंजाब में पार्टी की ताकत बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि उन्होंने हमेशा राष्ट्र को पार्टी और दलगत राजनीति से ऊपर रखा है. उन्होंने कहा, ‘कैप्टन साहब की सोच भाजपा से मिलती रही है. जैसे भाजपा के लिए राष्ट्र सर्वप्रथम है, उसी प्रकार कैप्टन ने राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत को अपने जीवन में अपनाया है.’
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गौरतलब है कि इससे पहले अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी. कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी और पीएलसी का गठन किया था. पीएलसी ने भाजपा और सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, उसका एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया था और खुद उन्हें अपने गढ़ पटियाला शहर से शिकस्त मिली थी.
कैप्टन ने मोदी-शाह से की थी मुलाकात
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह की पत्नी प्रनीत कौर पटियाला से कांग्रेस की सांसद हैं.पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कैप्टन के लिए प्रचार किया था. पीएलसी का विलय कराकर भाजपा पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है. रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद लंदन से लौटने के बाद 12 सितंबर को अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी.
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पंजाब में भाजपा के हुए 'कैप्टन', 24 साल बाद फिर दोहराया इतिहास