डीएनए हिंदी: प्रयागराज (Prayagraj) का हिंदू दर्शन में बड़ा महत्व है. कहा जाता है कि यहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है. सरस्वती नदी फिलहाल नजर नहीं आती. अब एडवांस्ड अर्थ एंड स्पेस साइंस जनर्ल में प्रकाशित एक स्टडी में दावा किया गया है कि गंगा-यमुना के संगम के नीचे एक प्राचीन नदी मिली है.
CSIR-NGRI के वैज्ञानिकों की ओर से की गई इस स्टडी में यह कहा जा रहा है कि इस नदी का संबंध हिमालय से है. लिहाजा तीसरी नदी सरस्वती हो सकती है. धार्मिक मान्यता है कि प्रयागराज में 3 नदियों का संगम है. वैज्ञानिकों का कहना है कि सरस्वती नदी पूरी तरह से सूख चुकी है. अगर यह स्टडी सच साबित होती है तो सदियों पुरानी मान्यता के वैज्ञानिक साक्ष्य भी मिल जाएंगे.
कैसे नदी के अस्तित्व का चला पता?
वैज्ञानिक पानी की खोज करने के लिए एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सर्वे कर रहे थे, जिससे भूजल स्तर का पता चल सके और उसका इस्तेमाल सिंचाई और घरेलू इस्तेमाल के लिए संरक्षित किया जा सके. जब CSIR-NGRI के वैज्ञानिकों ने हेलिकॉप्टर पर ड्यूल मोमेंट ट्रांजिएंड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (TEM) तकनीक का इस्तेमाल किया और गंगा-यमुना दोआब की इलेक्ट्रिक मैपिंग की तो यह बात सामने आई.
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