• जयराम विप्लव 

संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जबाव देते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब के खातों का जिक्र करते हुए गरीब कल्याण योजनाओं व डीबीटी से हुए बदलावों को सदन के माध्यम से देश के समक्ष रखा.
 
‘जाके पाँव न फटी बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई ?’ बीते 20 वर्षों में तुलसीदास जी की इन पंक्तियों को नरेंद्र मोदी चरितार्थ करते हुए दिखाई पड़े. बीते 70 वर्षों में देश में गिने चुने ऐसे प्रधानमंत्री मिले जिन्होंने गरीबी को जिया हो और नरेंद्र मोदी उनमे से एक हैं. मोदीजी के आरंभिक जीवन के अनुभवों ने उनको आम लोगों के अपरिहार्य दुखों से परिचय कराया और आजीवन वंचितों के लिए काम करने की एक अन्तः प्रेरणा भी पैदा किया.

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर रहते हुए मोदीजी ने अपने कार्यों में ‘जनकल्याणकारी सरकार’ की सच्ची तस्वीर दिखाई. आज़ाद भारत के 67 सालों की समग्र विकास यात्रा की परिधि से कोसों दूर खड़े करोड़ों लोगों के लिए प्रधानमंत्री बनते ही कई ऐसे निर्णय किये जिसने उनका जीवन ही बदल दिया.

‘जनधन योजना’ एक ऐसी ही सोच से उपजी होगी; “जिनके पास जमा करने को कुछ भी नहीं हो उनका भी बैंक खाता खुलना चाहिए”. नरेन्द्र मोदी जी ने उन गरीबों के वित्तीय समावेशन के बारे में सोचा, जो कल तक बैंकों की चौखट पर जाने से डरते थे और न केवल सोचा अपितु पीएम जनधन योजना के सफल 7 वर्षों में 44.23 करोड़ खातों में जमा 1.5 लाख करोड़ से अधिक की राशि से असंभव को संभव कर दिखाया है.

प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीजी द्वारा लाल किले की प्राचीर से बीते 7 वर्षों में घोषित सबसे सफलतम योजनाओं में से एक PMJDY है. 15 अगस्त, 2014 को स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री ने इस विचार को देश के सामने जब रखा था तो विपक्ष ने इसका भी मजाक बनाया था. लेकिन बीते दिनों जनधन खातों में जमा राशि ने डेढ़ लाख करोड़ रुपये की संख्या को पार कर लिया तो पुनः देश-दुनिया में PMJDY की चर्चा होने लगी है.

केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार,  29 दिसंबर 2021 तक कुल 44.23 करोड़ PMJDY के खाताधारकों में से 24.61 करोड़ महिलाएं हैं और 29.54 करोड़ जनधन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी बैंक शाखाओं में हैं. अर्थात इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य लोगों और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक बड़ा उद्देश्य भी पूरा हो रहा है. अगस्त 2021 में कुल 43.04 करोड़ PMJDY खातों में से 36.86 करोड़ (85.6%) सक्रिय थे. सक्रिय खातों के % में निरंतर वृद्धि एक साकारात्मक संकेत है.

लक्ष्यों की पूर्ति में सफल 

औपचारिक शब्दों में कहें तो प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) देश के वंचित वर्गों अर्थात कमज़ोर वर्ग और निम्न आय वर्ग लोगों के पास बैंकिंग , पैसा भेजने की सुविधा, लोन, बीमा, पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित करने वाला वित्तीय समावेशन का एक राष्ट्रीय मिशन है. बीते 7 सालों का अवलोकन यह बताता है कि पीएमजेडीवाई अपने लक्ष्यों की पूर्ति में सफल रहा है.

चाहे वह डीबीटी हो या कोविड-19 वित्तीय सहायता, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत बढ़ी हुई मज़दूरी, जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर, इन सभी पहलों का पहला कदम प्रत्येक वयस्क को एक बैंक खाता प्रदान करना है, जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पॅकेज के अंतर्गत लॉकडाउन में 68820 करोड़ रुपये इन्हीं खातों के जरिए सीधे तुरंत के तुरंत करोड़ों लाभार्थियों तक पहुंचे जिनमे महिलाएं, बुजुर्ग ,विधवा , किसान, मजदूर, कर्मचारी और उज्जवला लाभार्थी शामिल थे.

यह गरीबों को उनकी बचत को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने का एक अवसर प्रदान करती है, गांवों में उनके परिवारों को धन भेजने के अलावा उन्हें सूदखोर साहूकारों के चंगुल से बाहर निकालने का अवसर भी प्रदान करती है.

प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में खाताधारक को कुल 1.30 लाख रुपये के  कई तरह अलग-अलग वित्तीय लाभ मिलते हैं. प्रत्येक खाताधारी को 1,00, 000 रुपये का दुर्घटना बीमा और साथ में 30,000 रुपये का जनरल इंश्योरेंस दिया जाता है. यदि खाताधारक का एक्सीडेंट हो जाता है,तो 30,000 रुपए दिये जाते हैं और दुर्भाग्य से हादसे में मौत हो जाने पर एक लाख रुपए दिये जाते हैं, यानि कुल मिलाकर 1.30 लाख रुपये का फायदा मिलता है.

अगस्त 2018 के बाद खोले गए PMJDY खातों के लिये रुपे कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त देश भर में पैसों के ट्रांसफर की सुविधा , रुपे डेबिट कार्ड ,सरकारी योजनाओं के फायदों का सीधा पैसा खाते में ,जमा राशि पर ब्याज , फ्री मोबाइल बैंकिंग , बीमा व पेंशन प्रोडक्ट्स खरीदना आसान साथ ही पीएम किसान और श्रमयोगी मानधन जैसी योजनाओं में पेंशन के लिए स्वतः खाता खुल जाता है.

डीबीटी की जुगलबंदी से तिहरा लाभ

PMJDY के माध्यम से DBT की सुविधा जोडकर वर्षों से चली आ रही प्रणालीगत रिसाव या लीकेज को रोकते हुए प्रत्येक रुपया अपने निर्धारित लाभार्थी तक ही पहुंचे यह भी सुनिश्चित करना तिहरा लाभ का विषय बना. एक ओर जनता का पैसा बचा, दूसरा लाभार्थियों को पूरे पैसे मिले और तीसरा भ्रष्टाचार पर करार वार हुआ.

प्रधानमंत्री मोदीजी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी जी के हवाले से कई बार DBT के प्रत्यक्ष लाभ का जिक्र किया है कि पहले गरीबों-वंचितों के कल्याण हेतु केंद्र सरकार द्वारा भेजे गये 1 रु में से मात्र 15 पैसा ही लाभार्थियों तक पहुंचता था वह अब डीबीटी के सफल संचालन से शत प्रतिशत सीधे जरूरतमंद तक पहुंचता है.
 
नवम्बर 2021 तक के आंकड़े बताते हैं कि 2014 से केंद्र सरकार की 439 भिन्न-भिन्न योजनाओं में लागू डायरेक्ट बेनिफेट ट्रांसफर(DBT) स्कीम से जरिए सीधे लाभार्थियों तक पैसे भेजने की व्यवस्था से बिचौलियों के हाथों में 2.2 लाख करोड़ से ज्यादा की धनराशि जाने से बच गई.

जनधन खाता, आधार और मोबाइल नंबर यानी जैम ट्रिनिटी के अनिवार्य उपयोग से डीबीटी योजनाओं में फर्जी लाभार्थियों की पहचान भी आसान हुई और सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पैसा जाने से बिचौलियों का सफाया हुआ. कुलमिलाकर सरकारी योजनाओं में सेंधमारी रोककर योजनाओं के असली हकदार तक लाभ पहुंचाने में सफलता मिली है.

लाभार्थियों में गरीब, किसान,मजदूर, बुजुर्ग, महिला आदि शामिल हैं. सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली,गैस सबसिडी,पेंशन, गरीब कल्याण निधि,पीएम किसान सम्मान निधि,मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सहायता आदि योजनाओं में जनधन ने डीबीटी की राह आसान की और डीबीटी ने बिचौलियों के जेब में जाने वाले 85 पैसे को रोकते हुए पूरे 1 रुपये लाभार्थी तक पहुंचाए.

आगे की राह 
जनधन के माध्यम से वित्तीय समावेशन के लक्ष्य में सर्वोच्च परिणाम के लिए आगे चुनौतियां भी बहुत सी है. जैसे फिज़िकल और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी ग्रामीण भारत के लिये एक बड़ा अवरोध है. खराब कनेक्टिविटी, नेटवर्किंग और बैंडविड्थ जैसी समस्याओं से लेकर देश भर के विभिन्न बैंकों, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इन्फ्रा को बनाए रखने हेतु लागत, प्रबंधन व तकनीकी मुद्दे बैंकों को प्रभावित कर रहे हैं. अधिकांश लोग जागरूक हैं, फिर भी बहुत से लोग बैंकिंग प्रक्रिया और डिजिटल साक्षरता के प्रति उदासीन भी है.

लेकिन आगे की राह भी बनाई जा रही है. एक बार फिर जनधन योजना में बदलाव के जरिए लोगों के घर तक बैंक पहुंचाने का रोडमैप भी तैयार हो रहा है. सरकार का प्रयास है कि 5 किलोमीटर के अंदर एक बैंक हो. जिससे लोगों को बहुत भागदौड़ ना करनी हो. इसके अलावा डिजिटल लोन के अप्रूवल में तेजी लाने की दिशा में तेजी से कम हो रहा है.

भारत नेट के माध्यम से देशभर की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फायबर के माध्यम से हाई स्पीड डिजिटल हाइवे से जोड़ने का काम चालू है. इसके अलावे बीएसएनएल वाई फाई हॉट स्पॉट्स के जरिए भी डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर काम हो रहा है. खाताधारकों को ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ और ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ के तहत कवर किए जाने की उम्मीद है.

Jairam Viplav
(लेखक जयराम विपल्व सामाजिक और नीतिगत विषयों पर लेखन करते हैं)

(यहां प्रकाशित विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)

Url Title
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana Bank Account beneficial for poors
Short Title
वर्षों की विकास यात्रा में छूट गए करोड़ों गरीबों को PMJDY से मिला बैंकिंग का अधिक
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana
Caption

Image Credit- DNA

Date updated
Date published