डीएनए हिंदी: गुरुग्राम में एक रेसिडेंशियल टॉवर के आंशिक रूप से ढहने के दो दिनों के बाद हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने टाउन प्लानर की शिकायत के आधार पर एक नया मामला दर्ज किया है जिसमें भवन डिजाइन और संरचना के संबंध में प्रमाणीकरण की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए गए हैं.
चिंटेल इंडिया (Chintles India) के प्रबंध निदेशक प्रशांत सोलोमन सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्राथमिकी में कहा गया है कि "दुर्घटना ने साबित कर दिया है कि स्ट्रक्चर इंजीनियर और प्रूफ कंसल्टेंट का सर्टिफिकेट और ठेकेदार का काम फर्जी है.”
पुलिस ने FIR में स्ट्रक्चर में इंजीनियर, डिजाइन कंसल्टेंट, आर्किटेक्ट और ठेकेदार कंपनी के नाम शामिल किए हैं. इसमें उन लोगों के नाम भी शामिल हैं जिन्हें स्थानीय पूछताछ के अनुसार छठी मंजिल पर बड़ा बदलाव/बदलाव मिल रहा था. टावर डी की छठी मंजिल का एक बड़ा हिस्सा पहली मंजिल तक गिर गया था जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई थी. वहीं रियल्टी फर्म चिंटेल्स इंडिया ने शुक्रवार को कहा था कि कंपनी "दुर्भाग्यपूर्ण" घटना पर स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है और पूरी परियोजना का संरचनात्मक ऑडिट करेगी.
यह घटना हरियाणा के गुड़गांव के सेक्टर 109 में "चिंटेल्स पारादीसो" परियोजना में हुई. सोलोमन ने पहले ट्वीट किया था कि प्रारंभिक जांच के अनुसार उन्हें पता चला कि दुर्घटना एक ठेकेदार द्वारा अपने अपार्टमेंट में एक निवासी द्वारा किए जा रहे नवीनीकरण कार्य के दौरान हुई थी.
उन्होंने कहा, "हमने पिछले साल एक संरचनात्मक ऑडिट किया था जब शिकायतें पहली बार आई थीं. हम जल्द से जल्द एक दूसरा संरचनात्मक ऑडिट शुरू करेंगे. यदि संरचना में कोई दोष पाया जाता है तो हम प्रभावित खरीदारों को विधिवत मुआवजा देंगे या वैकल्पिक व्यवस्था में प्रभावित निवासियों को समायोजित करेंगे. आवश्यक मरम्मत कार्य पूरा हो गया है. हम अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और सभी सहायता सुनिश्चित कर रहे हैं."
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वहीं हादसे के दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट किया था कि वह व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. ऐसे में इस केस में जल्द ही कोई बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है.
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