डीएनए हिंदी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि हमास-इजराइल युद्ध पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से व्यक्त की गई स्थिति से अलग स्थिति दर्शाते हैं. पूर्व रक्षा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि भारत सरकार ने 100 फीसदी इजराइल का पक्ष लिया है.
शरद पवार ने कहा, 'विदेश मंत्रालय के बयान से यह स्थापित हो गया है कि भारत ने हमेशा फलस्तीन मुद्दे का समर्थन किया है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे, लेकिन हम ऐसे किसी भी संगठन के खिलाफ हैं जो हमलों में शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया है कि हम उनके साथ हैं.'
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मुस्लिम देशों के विचारों का भी पीएम रखें ख्याल
शरद पवार ने कहा है कि इजरायल-फलस्तीन मुद्दा गंभीर और संवेदनशील है और मुस्लिम देशों जैसे अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य के विचारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. शरद पवार ने कहा कि यह पहली बार है कि राष्ट्र के मुखिया ने एक रुख अपनाया है और उनके मंत्रालय ने दूसरा. (इनपुट: भाषा)
क्या है इजराइल-फिलिस्तीन का हाल?
इजराइल और हमास की जंग में भीषण जनहानि हुई है. इजराइल के 1,300 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं. वहीं करीब 1,537 फिलिस्तीनियों ने अपनी जान गंवा दी है, वहीं 6,612 लोग घायल हुए हैं. संघर्ष की वजह से वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलेम भी प्रभावित हुआ है. 36 लोग मारे गए हैं, वहीं 650 से ज्यादा घायल हैं.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के प्रवक्ता, स्टीफन डुजर्रिक ने कहा है कि संघर्ष की वजह से 338,000 से अधिक फिलिस्तीनियों को विस्थापित कर दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र राहत और काम करने वाली एजेंसी-रन स्कूलों में लगभग 218,000 लोग शेल्टर मांग रहे हैं.
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इजरायल-हमास जंग में पीएम का रुख MEA से अलग, जानिए शरद पवार ने क्यों कहा