डीएनए हिंदीः पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गया है. इस मामले में वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इसमें शीर्ष अदालत से इस मामले में रिपोर्ट लेने को कहा गया है. चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने कहा गया कि सुरक्षा बंदोबस्त में गंभीर चूक हुई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान सीजेआई ने पूछा कि वह कोर्ट से क्या चाहते हैं. मनिंदर सिंह ने जवाब दिया कि मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड बठिंडा के जिला जज के पास सुरक्षित रखने का निर्देश दिया जाए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट इसकी जानकारी ले और पंजाब सरकार को निर्देश दे कि इस गंभीर चूक के दोषियों पर कार्रवाई हो.
पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (कानून व्यवस्था) ने सुरक्षा के संबंध में लिखित दिशा-निर्देश के साथ अलर्ट जारी कर कहा था कि किसानों के प्रदर्शन पर निगाह रखी जाए और उन्हें हर हाल में बैठक स्थल और रूट तक पहुंचने न दिया जाए. एडीजीपी ने फिरोजपुर के एसएसपी को खुद मौके का मुआयना करने का निर्देश दिया था. उनकी ओर से रूट में अलग-अलग जगहों पर भारी पुलिस बंदोबस्त करने के लिए कहा था. इसके बावजूद पीएम मोदी का काफिला सड़क पर करीब 20 मिनट तक फंसा रहा.
गृहमंत्रालय ने बनाई समिति
मामले को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है. गृहमंत्रालय ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है. समिति का नेतृत्व मंत्रिमंडल सचिवालय के सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना करेंगे और इसमें आईबी के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के महानिरीक्षक एस सुरेश भी शामिल होंगे. समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने की सलाह दी गई है.
पंजाब सरकार ने बनाई जांच समिति
मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार ने सेवानिवृत्त जस्टिस महताब सिंह गिल और गृह एवं कानून मामलों के प्रधान सचिव अनुराग वर्मा पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी दी है. यह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेंगे.
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