डीएनए हिंदी: द डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल (DPDPB) राज्यसभा से भी पास हो गया है. यह राज्यसभा से ध्वनिमति से पारित हुआ है. मणिपुर हिंसा पर दोनों सदनों में हंगामा हुआ लेकिन बिल को सरकार ने बहुमत से पास कर लिया. डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (DPDPB), 2023 गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया था. विपक्ष ने इसे आगे की समीक्षा के लिए स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की. यह बिल 7 अगस्त को लोकसभा से पारित हो गया था.

यह विधेयक उन निजी कंपनियों के लिए नए नियम बनाएगा, जो ऑनलाइन डेटा जुटाती हैं. सरकार के साथ-साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब इन पर नजर रखेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने 6 साल पहले कहा था कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है. अब यह विधेयक सामने आया है. इसमें ऐसे प्रावधान हैं जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को किसी के पर्सनल डेटा को लीक करने से रोकेंगे.

इसे भी पढ़ें- 'मणिपुर में जो हुआ वह शर्मनाक, इस पर राजनीति और भी शर्मनाक, पढ़ें लोकसभा में अमित शाह की अहम बातें

डेटा प्रोटेक्शन बिल पर क्या है केंद्र का पक्ष?

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'आज डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल राज्यसभा में पारित हो गया. यह पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में एक ऐतिहासिक बिल है.'

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विधेयक में प्रत्येक नागरिक के डेटा के संग्रह और प्रॉसेसिंग के संबंध में निजी और सरकारी संस्थाओं पर कई दायित्व निर्धारित किए गए हैं. अच्छा होता अगर विपक्ष आज विधेयक पर चर्चा करता. लेकिन किसी भी विपक्षी नेता या सदस्य को नागरिकों के अधिकारों की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक महत्वपूर्ण सार्वजनिक परामर्श के बाद सदन में लाया गया है.

विधेयक में क्या है खास?
यह विधेयक, डिजिटल पर्सनल डेटा के एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर नए नियम, कर्तव्य और कानूनी प्रावधान तय करेगा. यह डिजिटल सिटीजन के कॉन्सेप्ट पर काम करता है. यह डिजिटल नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों पर जोर देता है. यह बिल जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) समेत दूसरे न्यायलों में डेटा संरक्षण कानूनों का आधार बन सकता है.

इस विधेयक में डेटा की वैधता, निष्पक्षता और पारदर्शिता, उद्देश्य सीमा, डेटा एक्युरेसी, स्टोरेज क्षमता, इंटिग्रिटी, गोपनीयता और निजता जैसे विषय शामिल हैं. यह विधेयक कंपनियों पर ज्यादा जोर डाले बिना ही डेटा प्रोटेक्शन की बात करता है.

यह बिल अगर बच्चों से संबंधित दायित्वों को कंपनियां नहीं पूरा करती हैं तो उन पर 200 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान रखता है. वहीं डेटा ब्रीच को रोकने के लिए सुरक्षात्मक उपाय न करने पर कंपनियों पर 250 करोड़ रुपए का जुर्माना लग सकता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Personal Data Protection Bill passed in Rajya Sabha Parliament Opposition slams government move
Short Title
डेटा प्रोटक्शन बिल राज्यसभा से भी पास, क्या है इस बिल में खास?
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Digital Personal Data Protection Bill passed in Rajya Sabha.
Caption

Digital Personal Data Protection Bill राज्यसभा में भी पास.

Date updated
Date published
Home Title

डेटा प्रोटक्शन बिल राज्यसभा से भी पास, क्या है इस बिल में खास?

Word Count
456