डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में जमात-ए-इस्लामी के ट्रस्ट फलाह-ए-आम से जुड़े स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है. इस पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में जमीन, नौकरी के बाद अब शिक्षा को निशाना बनाया जा रहा है.
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लाम के अनुषंगी संगठन फलह-ए-आम ट्रस्ट (FAT) द्वारा संचालित स्कूलों पर पाबंदी लगाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के भविष्य को ‘कुचलने’ के लिए उन पर किया गया एक और अत्याचार है. उन्होंने कहा कि भूमि स्वामित्व, संसाधनों एवं नौकरियों के बाद अब आखिरी निशाना शिक्षा है. एफएटी द्वारा संचालित 300 से अधिक शिक्षण संस्थानों के परिचालन पर जम्मू-कश्मीर सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने रोक लगा दी है.
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'शिक्षा को बनाया जा रहा निशाना'
महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘FAT संचालित स्कूलों पर पाबंदी का यह कदम जम्मू-कश्मीर के लोगों के भविष्य को ‘कुचलने’ के लिए उन पर किया गया एक और अत्याचार है. भूमि स्वामित्व, संसाधनों एवं नौकरियों के बाद अब आखिरी निशाना शिक्षा को बनाया जा रहा है. मुझे यकीन है कि कश्मीरी निश्चित ही इससे उबरेंगे और अपने बच्चों को परेशानी नहीं होने देंगे.’
15 दिन में FAT के स्कूलों को सील करने का आदेश
बता दें कि स्कूल शिक्षा सचिव द्वारा जारी आदेश में विभिन्न जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को एफएटी संचालित विद्यालयों को जिला प्रशासन के साथ परामर्श के बाद 15 दिनों के भीतर सील करने को कहा गया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि इन प्रतिबंधित विद्यालयों के विद्यार्थी वर्तमान सत्र के लिए नजदीकी सरकारी विद्यालयों में दाखिला ले सकेंग.
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यह कदम जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी की जांच के आधार पर उठाया गया है. एजेंसी ने इन विद्यालयों पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के अलावा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है.
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FAT के स्कूलों पर बैन से भड़कीं महबूबा, कहा- जमीन, नौकरी के बाद अब शिक्षा को बनाया जा रहा निशाना